जगदलपुर, (हि.स.)। मंगलवार की देर शाम नगरनार इस्पात संयंत्र के तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद आनन-फानन में तीनों को जगदलपुर स्थित एमपीएम अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार की देर शाम नगरनार इस्पात संयंत्र में कार्यरत सीटीपीएल कंपनी के साइट में किसी भारी मशीन को हाइड्रोलिक जैक के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा था, इस बीच उक्त जैक का एक साइड का चैन टूट गया और मशीन गिरने से दूसरी ओर खड़े तीन मजदूर सुकुमार (24), सुरेन्द्र कुमार चौधरी (30) और प्रशांतो भौमिच घायल हो गए। तीनों मजदूर पश्चिम बंगाल के बताए जा रहे हैं, जिनमें से सुकुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। उक्त तीनों कर्मचारियों को कंपनी द्वारा आनन्-फानन में जगदलपुर के एमपीएम अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सुरक्षा की नहीं थी उचित व्यवस्था
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्य के दौरान मजदूरों को सुरक्षा की दृष्टि से दिए जाने वाले वस्तुएं जैसे कैप, सेफ्टी बेल्ट इत्यादि, कई कंपनियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और न ही एनएमडीसी के कर्मचारियों द्वारा निरंतर जांच की जा रही है।
मीडिया से की बदसलूकी
उक्त घटना की कवरेज करने एमपीएम अस्पताल गए लगभग 06 से अधिक अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं के स्थानीय प्रतिनिधियों से एक अन्य कंपनी के ठेकेदार ने बदसलूकी की और कवरेज करने से भी मना कर दिया। वहीं एक अन्य ने मामले को दबाने व कंपनी का नाम नहीं प्रकाशित करने की बात भी कर डाली। इससे पूर्व भी उक्त घटना की जानकारी देने से भी उपस्थित कंपनी के प्रतिनिधि आनाकानी करते नजऱ आये।
कई कंपनियों के साथ है अनुबंध, कुछ के साथ नहीं - थॉमस फादर
नगरनार इस्पात संयंत्र एवं एमपीएम अस्पताल के मध्य बीमा अनुबंध के सम्बन्ध में जब अस्पताल के डायरेक्ट फादर थॉमस से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त संयंत्र के कई कंपनियों के साथ हमारे अनुबंध हैं, लेकिन सीटीपीएल कंपनी के साथ कोई अनुबंध नहीं हुआ है। मरीजों पर होने वाले खर्चे का भुगतान कंपनी स्वयं करती हैं।
जिले के सबसे बड़े अस्पताल से उठ रहा भरोसा
जिले के सबसे बड़े शासकीय महारानी अस्पताल (मेकाज) में रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग उपचार के लिए आते हैं, बावजूद, नगरनार इस्पात संयंत्र में होने वाली घटना-दुर्घटना के लिए उक्त अस्पताल को छोड़कर कंपनी के ठेकेदार अपने मजदूरों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाते हैं, जिससे ऐसा माना जा रहा है की मेकाज से अब नगरनार इस्पात संयंत्र के कंपनियों का भरोसा उठता जा रहा है।