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सामाजिक उत्थान, व्यवहारिक ज्ञान की हुई भिण्ड में अमृतमयी वर्षा
By Deshwani | Publish Date: 18/11/2017 11:45:50 AM
सामाजिक उत्थान, व्यवहारिक ज्ञान की हुई भिण्ड में अमृतमयी वर्षा

भिण्ड, (हि.स.)। आडम्बर रहित श्रीमद् भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ के जरिए जीवन उपयोगी सामाजिक उत्थान का व्यवहारिक ज्ञान सरल उदहरण देकर हजारों लोगों को अपनी अमृतमयी वाणी से न केवल प्रभावित किया है। बल्कि भिण्ड की जनता को सराबोर कर परिवर्तन का अंकुरण करने का काम किया है। ऐसे साधारण सरल संत कमल किशोर नागर जी को भिण्ड की ओर से शत-शत नमन।
निश्चित रूप से संत नागर जी की यह पहली अमृतमयी कथा होगी जिसमें हर किसी को कथा का अमृतमयी प्रसाद मिला है। यदि व्यक्ति उनको अपने जीवन में 50 प्रतिशत भी उतार ले तो उसे पृथ्वी लोक में तो कोई परेशानी तो होगी ही नहीं, लेकिन वह मोक्ष का द्वार भी पा सकता है। उनकी वाणी में चुम्बकीय आकर्षण की वजह से कथा सुनने के लिए महिलाओं के अलावा पुरुष वर्ग, युवा वर्ग काफी संख्या में लाभान्वित हुआ है। अक्सर देखा गया है कि कथा में महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है। लेकिन नागर जी ने इस मिथक को भी तोड़ा है। उन्होंने नारी शक्ति को उसकी पहचान बताई है। तो पुरुषों को भी कर्तव्य बोध कराया है। यही नहीं उन्होंने संत समाज पर भी खुलकर टिप्पणी की है। जो समाज को दिशा देेने वाले हैं, वही ठीक नहीं होंगे, तो राष्ट्र का भला कैसे हो सकता है। 
वैसे तो भिण्ड जिले के लिए पूरा नवंबर का माह ही कथा व भक्तिरस से सराबोर है, अब तक कई राष्ट्रीय संत कथा हुई हैं। जिनमें दीनपुरा पर राष्ट्रीय कथा व्यास पं. श्यामसुंदर पाराशर, दंदरौआ धाम में श्रीकृष्ण ठाकुर के सुपुत्र इन्द्रेश जी और भविष्य में सुनारपुरा पर मां कनकेश्वरी देवी व अटेर के कदौरा में ऋचा मिश्रा की कथा होनी है। निश्चित रूप से इन कथाओं में भी लोगों ने भक्ति रस का आनंद उठाया है और उठाएंगे। लेकिन इन सभी कथाओं में संत कमलकिशोर नागर जी की कथा भिन्न है। श्रोता व कथा व्यास के बीच सीधा संबंध पूरे तीन घण्टे तक रहना काफी महत्वपूर्ण है। वेशक इस कथा का आयोजक एक राजनीति से जुड़ा व्यक्ति था, उसके राजनेताओं से संबंध होना बाजिब है और कथा में राजनैतिक लोग आए भी, लेकिन नियमों के पक्के अपने उसूलों पर चलने वाले नागर जी ने कोई समझौता नहीं किया। उनके व्यासपीठ छोडऩे के बाद ही कोई भी व्यक्ति भारतीय परिधान धोती कुर्ता पहनने के बाद ही दर्शन कर सका। नागर जी के अमृतमयी वचनों ने हर वर्ग को प्रभावित किया है। उन्होंने हर पहलू पर अपने दृष्टिकोण को कडक़ भाषा में अपनाने का अनुरोध भी किया।
संत नागर ने व्यासपीठ से किया प्रभात जी के कृतित्व को प्रणाम
भिण्ड शहर में चल रही क्र.एक व दो के मैदान में श्रीमद् भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ में राष्ट्रीय संत कमल किशोर नागर जी के द्वारा आध्यात्ममयी अमृत वचनों की वर्षो से भिण्ड की जनता को सराबोर किया जा रहा है, निश्चित रूप से प्रकाण्ड विद्वान कथा व्यास व संत महंतों के युग में साधारण जीवन जीकर ग्रहस्थ संत के रूप में पहचान बनाने वाले नागर जी संत आडम्बर, राजनीति के ग्लेमर व आडम्बरी कथा से कोसों दूर हैं। नियम और सिद्धांतों पर हमेशा अडिग रहने वाले संत कमल किशोर नागर जी ने शायद पहलीबार व्यास पीठ से किसी राजनैतिक व्यक्तित्व के कृतित्व को प्रणाम किया होगा। आज उन्होंने भिण्ड की छह दिन तक चली कथा में पहलीबार भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को व्यासपीठ से प्रणाम करते हुए कहा कि वेशक राजनीति में हैं, लेकिन इनके विचार संत विचारों से भी अग्रणीय हैं। ऐसे ब्राह्मण देव राजनेता वंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि झा से एक-दो बार ही कुटिया में भेंट हुई होगी, लेकिन उनके विचारों से पारिवारिकता बढ़ी है।
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