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बजट न मिलने से सौ के बजाय 50 बेड का बनेगा राजकीय जुबली इंटर कालेज का छात्रावास
By Deshwani | Publish Date: 17/11/2017 3:35:52 PM
बजट न मिलने से सौ के बजाय 50 बेड का बनेगा राजकीय जुबली इंटर कालेज का छात्रावास

गोरखपुर, (हि.स.)। गोरखपुर में विकास कार्यों का हाल बहुत बुरा है। दो वर्ष पूर्व शुरू हुए राजकीय जुबली इंटर कालेज के छात्रावास का निर्माण स्वीकृत बजट में पूरा न होने की वजह से अब यहां सौ बेड की जगह पर केवल 50 बेड का छात्रावास ही तैयार होगा। दरअसल समय से बजट न मिलने के कारण छात्रावास निर्माण की लागत बढ़ गई है। इसलिए डीएम ने प्राप्त बजट में 50 बेड तैयार करने का आदेश दे दिया है। 

जुबली इंटर कालेज परिसर में सौ छात्रों के लिए एक छात्रावास निर्माण का बजट पास हुआ था। इसका निर्माण मार्च 2016 में शुरू हुआ। इसे एक साल में बनाकर मार्च 2017 में पूरा करना था, परन्तु स्वीकृत बजट का धन न मिलने से इसका निर्माण तकरीबन एक साल पूर्व बन्द हो गया। समय बीतने के साथ इसकी लागत भी बढ़ गयी। अब कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण सहकारी संघ इस्टीमेट बढ़ाने पर ही छात्रावास के पूरा होने की बात कह रही है।

लागत का 70 प्रतिशत से अधिक हो चुका है खर्च

सौ बेड के छात्रावास निर्माण के लिए कुल 2.07 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। निर्माण एजेंसी ने अब्ब तक इसके निर्माण में 1.45 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। बावजूद इसके केवल भूतल पर ही निर्माण कार्य हो सका है। दूसरी मंजिल पर अभी छत भी नहीं पड़ सकी है।

बजट की शेष धनराशि में छात्रावास पूरा होना मुश्किल

मामले के संज्ञान में आने के बाद अब डीएम संजीदा हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को छात्रावास पूरा कराने को पत्र लिखा है। शेष धनराशि जारी करने की बात भी कही है परन्तु एक साल विलम्ब होने के कारण निर्माण सामग्री की लागत में बढ़ोत्तरी को देखते हुए शेष बचे लगभग 62 लाख रुपये में छात्रावास पूरा होना मुश्किल लग रहा है। 

भेजा जाएगा रिवाइज इस्टीमेट

शिक्षा विभाग द्वारा लागत मूल्य बढ़ने के बावत आने वाली कठिनाईयों और छात्रावास का शेष भाग पूरा न हो पाने की समस्या बताने के बाद डीएम ने इस्टीमेट रिवाइज करने को प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया है। रिवाइज इस्टीमेट स्वीकृत होने के बाद छात्रावास निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा।

अधिशासी अभियंता विनय सिंह का कहना है कि छात्रावास को नये मानक के अनुसार बनाया जा रहा है। इसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। छात्रावास को बरसात के पानी से बचना भी है। इस विधि को अपनाने से बरसात का पानी सीधे भूमि के अन्दर चला जायेगा। पानी की कमी भी नहीं होगी।

इस संबंध में जिलाधिकारी राजीव रौतेला का कहना है कि दो अभियन्ताओं का स्पष्टीकरण तलब किया गया है। अधिशासी अभियन्ता को शिथिल पर्यवेक्षण के लिए चेतावनी दी है। आधे-अधूरे छात्रावास को पूरा करने के लिए कार्य योजना देने का निर्देश भी दे दिया है। फिलहाल दूसरी किश्त से 50 बेड वाला एक सेट पूर्ण करवाकर छात्रावास का उपयोग शुरू करने को कहा गया है।

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