ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
वाजिब दाम न मिलने पर नाराज किसानों ने जलायी गन्ने की होली
By Deshwani | Publish Date: 16/11/2017 11:38:20 AM
वाजिब दाम न मिलने पर नाराज किसानों ने जलायी गन्ने की होली

नरसिंहपुर, (हि.स.)। गन्ने के वाजिब दाम को लेकर जिले मे मचा घमासान बुधवार को भी पुरजोर तरीके से जारी रहा। किसान आंदोलन के तहत पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष लाखन सिंह पटैल की अगुआई मे देर शाम तक जनपद मैदान मे जुटे सैकड़ों किसानों ने प्रशासन व सुगर मिलों से गन्ने का आरंभिक दाम कम से कम 350 रूपये करने के साथ अन्य उपजों का भी उचित मूल्य दिलाने की मांग की। आयोजित सभा में वक्ताओं ने प्रशासन को सुगर मिलों का पिट्ठू बताते हुए केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। 
सभा उपरांत किसानों ने सुभाष पार्क चौराहे पर गन्ने की विशाल होली जलाकर जहां अपने आक्रोश का इजहार किया। वहीं कलेक्ट्रेट तक अद्र्धनग्न होकर रैली भी निकाली। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एनपी प्रजापति ने कहा कि झूठे वादे और जुमलों से यह सरकार लोगों को ठगती आई है। किन्तु अब वास्तविकता सामने आ गई है। इस अवसर पर जिला भारत कृषक समाज के अध्यक्ष पंडित मैथिलीशरण तिवारी ने कहा कि केन्द्र और राज्य की सरकार किसानों का शोषण करा रही है। समर्थन मूल्य पर खरीदी, बीमा फसल योजना और अब भावांतर योजना किसानो के लिये परेशानी का सबब बनी है। तिवारी ने कहा कि सुगर मिलें 300 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना खरीदेंगी तो बकाया 50 रुपए की राशि राज्य सरकार बोनस के रूप मे किसानो को प्रदान करे।
अब सिर्फ बकवास लग रहे मुख्यमंत्री के भाषण: सुनीता
गााडरवारा से आयीं जननेत्री सुनीता पटैल ने कहा कि शासन-प्रशासन के लोग नीतियां तो बनाते हैं पर उनके निर्धारण मे व्यापक कोताही होती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री हर साल कृषि कर्मण अवार्ड जीत रहे हैं और किसान मारे जा रहे हैं। किसानों को तो यह पता ही नही चलता कि शासन की योजना आयी कहां से और गयी कहां? ऐसे मे नागरिकों को मुख्यमंत्री के भाषण सिर्फ बकवास लगने लगे हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र पटैल ने कहा कि जिले मे किसान अपना हक मांगने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं पर जिम्मेदार विधायक-सांसद कहीं भी अन्नदाताओं की लड़ाई लड़ते नही दिखते। जनप्रतिनिधियों के नाकारापन के कारण यह जिला बदहाल हो चुका है और जिला कलेक्टर फैक्ट्री मालिकों के दवाब मे काम कर रहे हैं। 
अनेक समस्याओं से जूझ रहा किसान: लाखन
उक्त मौके पर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष लाखन सिंह पटैल ने कहा कि एक नही अनेक समस्याओं से किसान जूझ रहा है। सरकार की नीतियां किसानो की समस्याओं को और भी विकराल करती जा रही हैं। पटैल ने कहा कि आने वाले समय में किसानो की समस्याओं को लेकर आंदोलनो का क्रम रूकने नही दिया जायेगा। उक्त मौके पर वरिष्ठ नेता मनोहर साहू, सुरेन्द्र पटैल मंझले भैया, विभाष जैन, घनश्याम यादव, राजीव सुहाने, डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ, नितिन गोयल, पंकज मोदी, कंछेदी पटैल आदि ने किसानो से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। सभा का संचालन राहुल उपाध्याय एवं आभार प्रदर्शन विशाल ठाकुर ने किया।
प्रीतमपुरी और परिहार भी पहुंचे
जनपद मैदान में किसानो की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन और सभा भले ही गैर राजनैतिक किन्तु अप्रत्यक्ष रूप से यह आयोजन कांग्रेस का था और आयोजन के संयोजक कांग्रेस नेता लाखन सिंह पटैल रहे। किसानो के हितों के लिये आयोजित सभा में पूर्व नपा अध्यक्ष मंहत प्रीतमपुरी गोस्वामी एवं किसान नेता विश्वास परिहार भी पहुंचे। करीब 10 मिनिट दोनो रूके और किसानो के हितों के लिये एकजुट होने का आह्वान किया। इस दौरान परिहार ने कहा कि हर हालत में किसानो को 350 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का मूल्य मिलना चाहिए।
खोल दिये गये बैरीगेट्स, सौंपा 16 सूत्रीय ज्ञापन
सभा उपरांत अद्र्धनग्न होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस ने बैरीगेट्स जरूर बनाये थे किंतु आक्रोश को भांपते हुए अंतिम समय पर बैरीगेट्स अलग कर लिये गये। नरसिंह भवन पहुंचे किसानों ने कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गयी कि लैब मे जिले के गन्ने से निकाली गयी 11.5 सुगर रिकव्हरी के आधार पर ही गन्ने का न्यूनतम मूल्य 350 रूपये प्रति क्विंटल दिया जाये। गुड़ का उचित मूल्य 3 हजार रूपये प्रति क्विंटल हो। उड़द, मूंग, चना व मसूर की कीमतें 6 हजार रूपये प्रति क्विंटल की जायें। वहीं मका और धान का वाजिब दाम 2 हजार रूपये निर्धारित हो। ज्ञापन मे जिले मे गन्ना प्रयोगशालाएं खोले जाने के साथ भावांतर योजना के पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग की गयी। इसके अलावा फसल बीमा योजना का विधिवत लाभ दिलाने, गन्ना क्रेशर व टीसी कनेक्शन मे सामान्य दरों पर बिल देने, सिंचाई हेतु 18 घंटे बिजली देने की मांग भी की गयी। किसानों ने सोयाबीन की 100 प्रतिशत क्षति का मुआवजा एवं 2015-016 मे ओलावृष्टि से हुई क्षति का मुआवजा भी मांगा।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS