सिंगरौली, (हि.स.)। हमारे देश में लोकनाट्यों की समृद्ध परम्परा है। प्राय: देश के प्रत्येक राज्य में कोई न कोई लोकनाट्य शैली अवश्य है। हमारे देश में कई तरह की बोली, भाषा प्रचलन में है। इन लोकनाट्यों में भूगोल और परिवेश की संस्कृति के रंग देखने- सुनने-समझने का अवसर प्राप्त होता है। बघेलखण्ड में भी छाहुर की परम्परा है, जिसके अन्तर्गत हास्य-व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक मुद्दे, समकालीन समस्याओं आदि पर प्रहार किया जाता है। लोकनाट्य अपने समय का ऐतिहासिक साक्ष्य भी है।
आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा जिला प्रशासन सिंगरौली के सहयोग से लोक नाट्यों पर एकाग्र समारोह ‘पहचान‘ का दो दिवसीय आयोजन सिंगरौली में आगामी 16 और 17 नवम्बर को एन.टी.पी.सी. विन्ध्यनगर के मैत्री सभागार में किया जा रहा है। समारोह में बघेली बोली के तीन लोककथाओं पर आधारित नाट्य चंदनुआ, सिद्धभूमि, छाहुर की प्रस्तुतियाँ तथा छत्तीसगढ़ी नाचा अन्तर्गत शिवनाथ नदी की कथा को लोकनाट्य रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
दो दिवसीय समारोह का शुभारंभ 16 नवम्बर को सायं 7.00 बजे होगा। शुभारंभ संध्या में प्रदेश के खनिज संसाधन, वाणिज्य, उद्योग और रोजगार मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष अजय कुमार पाठक, विधायक रामलल्लू वैश्य, विधायक सरस्वती सिंह, विधायक राजेन्द्र मेश्राम, महापौर प्रेमवती खैरवार, नगरपालिका अध्यक्ष चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। 17 नवम्बर को सांसद रीति पाठक की गरिमाय मय उपस्थिति में समापन समारोह आयोजित होगा।