ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
सहकारिता देश की प्राचीन पद्धतिः वसुनिया
By Deshwani | Publish Date: 15/11/2017 1:19:42 PM
सहकारिता देश की प्राचीन पद्धतिः वसुनिया

झाबुआ, (हि.स.)। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ पीली कोठी भवन मे 64वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के प्रथम दिन ’’सहकारिता के माध्यम से सुशासन एवं व्यवसायीकरण’’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बैंक अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया, अध्यक्षता जी.एल.बडोले उपायुक्त सहकारिता जिला-झाबुआ-अलीराजपुर एवं विशेष अतिथि के रूप मे संजय श्रीवास, गणेश प्रजापत संचालक, पी.एन.यादव वरिष्ठ महाप्रबंधक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरूआत बैंक अध्यक्ष वसुनिया द्वारा सहकारिता ध्वज से ध्वाजारोहण कर की गई। इसके पश्चात उपस्थित पदाधिकारीगण/अधिकारीगण/कर्मचारीगण द्वारा सामुहिक रूप से सहकारी गीत का गायन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वसुनिया द्वारा अपने उद्बोधन मे कहा कि सहकारिता मूल रूप से भारत देश की बहुत ही प्राचीन पद्धति है । उस समय करेंसी का अभाव हुआ करता था, ऐसी स्थिति मे वस्तुओं का आदान प्रदान किया जाता था । अनाज के बदले वस्तुओ का लेनदेन होता रहा है । सहकारिता का दूसरा शाब्दिक अर्थ है एक दूसरे का सहयोग करना। सहकारिता का धीरे-धीरे विस्तार होता गया और आज नाबार्ड/अपैक्स बैंक से ऋण उधार लिया जाकर बैंक के द्वारा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को ऋण, खाद, बीज आदि का वितरण किया जाकर लाभांवित किया जा रहा है । सहकारिता के माध्यम से जनता को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है । वर्तमान मे 03 कडकनाथ सहकारी समितियों का गठन किया जाकर 3.80 लाख का ऋण वितरण भी किया गया है। कर्मचारीगण ईमानदारी एवं मेहनत से कार्य करे ताकि बैंक के लाभ मे निरन्तर प्रगति होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उपायुक्त सहकारिता श्री बडोले द्वारा दिनांक 14 नवंबर से 20 नवंबर तक आयोजित कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुवे सुशासन एवं व्यवसायीकरण के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी गई । व्यवसायीकरण अन्तर्गत किसानो को शासन की विभिन्न योजनाओं को लाभ मिल सके। कार्यक्रम मे विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री यादव द्वारा कहा कि सहकारिता का मतलब हम सब आपस मे मिलकर कार्य करे । सुशासन का सही अर्थ यह है कि निचले तबके के लोगो तक योजना का लाभ पहुंच सके । व्यवसायीकरण अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की वस्तुओ का व्यापार किया जाकर व्यवसाय मे वृद्धि की जा सकती है । हम समस्त भी यह संकल्प ले कि हम बहुत अच्छे तरीके से कार्य करे ताकि ग्राहको को बैंक की समस्त सुविधाओं का पूर्ण लाभ मिल सके । उक्त कार्यक्रम मे उप आयुक्त सहकारिता जिला झाबुआ के कर्मचारीगण एवं बैंक कर्मचारीगण आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन महेश राठौड एवं आभार दुर्गेश पालीवाल प्रबंधक जिला संघ द्वारा माना गया ।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS