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पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर कानपुर देहात में भी किसान जला रहे हैं पुआल
By Deshwani | Publish Date: 14/11/2017 4:30:00 PM
पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर कानपुर देहात में भी किसान जला रहे हैं पुआल

कानपुर देहात, (हि.स.)। पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर कानपुर देहात जनपद में किसान खेतों में फसल की पुआल जलाकर समस्याएं पैदा कर रहे हैं। जलने वाले पुआल से किसानों के खेत तो बंजर हो ही रहे हैं, साथ ही पर्यावरण में प्रदूषण भी फ़ैल रहा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इसे कानूनन अपराध घोषित किया है। 
इन दिनों धान की फसल की कटाई पूरे चरम पर है। किसान अपनी सुविधानुसार फसल की कटाई मजदूर व कम्बाइन मशीन से भी करवा रहे हैं। कम्बाइन मशीन से धान के अनाज को सुरक्षित कर पुआल को खेत मे छोड़ दिया जाता है। कुछ दिन बाद इस पुआल को खेत में ही जला दिया जाता है। इससे कई तरह से नुकसान भी हो रहे हैं। दिल्ली में फैले प्रदूषण को देखते हुए सरकार इसके प्रति बहुत ही चिंतित है। पुआल जलाने से जानवरों का चारा तो खत्म होता ही है इसके अलावा पर्यावरण को नुकसान के साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी खत्म होती है। मृदा की उर्वरता समाप्त होकर खेत ऊसर बन जाता है। सूक्ष्म तत्वों के अभाव को किसी भी रसायन या उर्वरक से पूरा नहीं किया जा सकता। धुएं से वातावरण भी दूषित होने से वायु प्रदूषण होता है जिससे गम्भीर बीमारियां फैलती हैं। 
इस कार्य पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन जी टी) ने इसे कानूनन अपराध घोषित किया है, जिसमें उल्लंघन करने वाले को आर्थिक रूप आए दंडित करने का प्रावधान भी है। यदि यही गलती किसान दुबारा करता है तो कृषि विभाग से मिलने वाली सारी सुविधा व अनुदान बन्द हो जाएगा। जिलाधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दृष्टि से पुआल जलाना गलत है किसानों को इसकी जानकारी दी जा रही है। 
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