ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
पिता शराब के लिए मंगवाता था तीन बेटियों से भीख
By Deshwani | Publish Date: 14/11/2017 12:49:12 PM
पिता शराब के लिए मंगवाता था तीन बेटियों से भीख

राजगढ़, (हि.स.)। बाल दिवस पर जिले के 5 ऐसे बच्चों के संघर्ष और परिस्थितियों पर विजय की कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके अंधेरे जीवन मे चाचा बन आए लोगों ने रोशनी भर दी। 

 

तलें के बारवाखुर्रम गाँव की रहने वाली पूजा (12) ज्योति (11 ) एवं मोनिका (9) उन बेहद चुनिन्दा बच्चों मे शामिल है, जिनके होसले के आगे विपरीत परिस्थितिया भी हार मान गई. इन सभी बहनों की माँ सात वर्ष पहले गुजर गई थी। पिता रामचंदर वर्मा को शराब की बुरी आदत थी। शराब के लिए रुपए जुटाने पिता ने इन तीनों बहिनों से भीख मंगवाने लगा. उम्र मे थोड़ी एवं समझदार पूजा ने विरोध किया तो उसकी खूब पिटाई की। एक बार वह इन तीनों को भीख मंगवाने के लिए सीहोर तक ले गया, लेकिन इन मासूम बच्चियों ने अपने लिए कुछ और ही तय किया. इनके पिता के चाचा ने इनकी मदद की और चाइल्ड हेल्प लाइन को बच्चियों के शोषण की जानकारी दी। रेसक्यू के द्वारा इन बच्चियों को शराबी पिता के चंगुल से छुड़ा कर शहर के शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मे भर्ती कराया गया. जहा तीनों की पढ़ाई जारी है।

 

खिलचीपुर, घाटाखेड़ी के रहने वाले अर्जुन के पिता रायसिंह भिलाला एवं उसकी माँ 3 वर्ष की उम्र मे ही उसे छोड़ कर चल बसे थे. एक बुजुर्ग ने उसे पाला लेकिन स्कूल नसीब नहीं हुआ. जब नौ वर्ष का हुआ तो एक जख्म मे केंसर के लक्षण मिले. उपचार कराने वाला भी कोई नहीं था.ऐसे मे खिलचीपुर के प्रवीण शर्मा ने तत्कालीन कलेक्टर तरुण पिथोड़े से अर्जुन को मिलाया. पीथोड़े के निर्देश पर अर्जुन का उपचार हुआ और उसे विशेष बालक छात्रावास के रूप मे परिवार भी मिल गया. एक वर्ष मे अर्जुन ने न सिर्फ केंसर जेसी बीमारी को मात दी, बल्कि कभी स्कूल न जाने वाले इस मेघावी बालक ने कक्षा 4 स्तर तक के सभी विषय हिन्दी,अँग्रेजी,गणित मे महारथ हासिल कर ली है. आश्रम के अन्य बच्चों मे वह पेंटर और गायक के तौर पर जाना जाने लगा है. अर्जुन की इच्छा है कि बड़ा होकर पुलिस मे भर्ती हो। 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS