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बुंदेलखंड में सूखे का खतरा, हमीरपुर के सैकड़ों तालाबों में उड़ने लगी धूल
By Deshwani | Publish Date: 13/11/2017 3:05:17 PM
बुंदेलखंड में सूखे का खतरा, हमीरपुर के सैकड़ों तालाबों में उड़ने लगी धूल

हमीरपुर, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सूखे ने खतरे की घंटी दे दी है। इस बार औसत से कम बारिश होने से समूचे क्षेत्र के हजारों तालाबों में अभी से धूल उड़ने लगी है। पानी के लिये अन्ना जानवर इन दिनों भटक रहे है। बड़ी संख्या में कुएं, पोखर और तालाबों के सूखने से किसानों में चिंता बढ़ गयी है। उनके सामने अब मवेशियों की प्यास बुझाने की बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है। 

हमीरपुर जिले के कुरारा ब्लाक क्षेत्र में 150 तालाब किसी जमाने में पानी से लबालब रहते थे। सुमेरपुर में 216, मौदहा में 206, मुस्करा में 169, राठ में 173, गोहाण्ड में 200 व सरीला ब्लाक क्षेत्र में 230 तालाब ग्रामीणों के लिये मजाक बन चुके हैं। समूचे जनपद में 1354 तालाब है जिनमें सूखे के कारण ज्यादातर तालाबों में अभी से धूल उड़ रही है। भटपुरा, देवीगंज, टेढ़ा, लहरा, जखेला, शेखूपुर, भैसापाली, पारा, टोडरपुर, भौली, इचौली, कपसा, शिवनी, विदोखर, इंगोहटा, पचखुरा, छानी, नायकपुरवा, सिचौली, सुरौली व अटघार समेत सैकड़ों गांवों में मवेशियों के सामने पानी की संकट गहरा गया है। गांव में ज्यादातर तालाबों में पानी नहीं है जिसके कारण मवेशियों के मरने का सिलसिला अब शुरू हो गया है। जंगलों और हाइवे में पिछले कई दिनों से पानी के लिये आवारा मवेशी उछलकूद कर रहे है।

प्रशासन भी इतनी बड़ी त्रासदी से निपटने में नाकाम साबित हो रहा है। वैसे देखा जाये तो 914 तालाबों को पानी से भराने की कार्ययोजना तैयार की गयी थी मगर जमीनी हकीकत तो यहीं बया कर रही है कि कही भी तालाब और पोखरों को पानी से नहीं भराया जा सका। नेशनल हाइवे-86 के किनारे ही गड्डे और पोखरों में धूल उड़ रही है वहीं राजमार्गों के किनारे भी पोखर और गड्डे पानी की बाट जोह रहे हैं। सरकारी आंकड़ों में 1354 तालाब ग्रामीणों के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं। बड़ी तादाद में माडल और आदर्श तालाब भी सूखे पड़े हैं। इसके अलावा हमीरपुर जिले के सभी ब्लाक क्षेत्रों के गांवों में हजारों की तादाद में बनाये गये चेकडैम भी सूखे के कारण बदतर हो गये है। चेकडैम बनाने के लिये सरकार ने कई करोड़ की धनराशि लघु सिंचाई व अन्य विभागों को अवमुक्त की थी जो मिट्टी में ही दफन हो गयी। चेकडैम के साथ ही गांवों में मवेशियों को पानी मुहैया कराने के लिये खेतों में लाखों रुपये खर्च कर चरही बनाई गयी थी मगर पानी भराने के कोई इंतजाम न होने के कारण चरही क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कांग्रेस के महामंत्री लक्ष्मीकांत त्रिपाठी का कहना है कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी से मवेशियों और ग्रामीणों के लिये पीने के पानी के इंतजाम नहीं किये तो आने वाले समय में हालात भयावह हो जायेंगे। 

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