कानपुर, (हि.स.)। जेएनयूआरएम की बसें महानगर की सड़कों पर फिर दौड़ने लगी हैं, लेकिन इनका खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। जिससे यह बसें करोड़ों की कर्जदार हो गई हैं। सिर्फ चालकों और बसों का मेंटीनेंस देखने वाली कंपनी को पिछले चार माह से भुगतान नहीं हुआ है, जबकि इस कंपनी को प्रति माह करीब 70 लाख से एक करोड़ रुपये तक का भुगतान होता है।
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत फजलगंज नगर डिपो से प्रतिदिन 210 सिटी बसें मार्ग पर भेजने का दावा है। इन बसों से प्रतिदिन करीब 4.5 लाख की आय है, जबकि प्रतिदिन 2 लाख 75 हजार रुपये की सीएनजी भराई जाती है। सीएनजी भराने का खर्च परिवहन विभाग वहन करता है। सिटी बसों का मेंटीनेंस और चालकों की व्यवस्था करने वाली श्यामा एंड श्याम कंपनी को बसों के मेंटीनेंस और चालकों के पारिश्रमिक के लिये प्रति किमी 19 रुपये दिया जाता है। कंपनी को मिलने वाले रूपए को परिवहन विभाग समय से भुगतान नहीं कर पा रहा है। जिससे कंपनी पर बकाया काफी हो गया है। बतातें चलें कि सिटी बसों के संचलन के लिये कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का गठन प्रशासनिक स्तर पर किया गया है।
इस कंपनी के चेयरमैन मंडलायुक्त के अलावा जिलाधिकारी, डीआइजी, एसएसपी, केडीए वीसी, एसपी ट्रैफिक, आरटीओ भी पदाधिकारी हैं।
फजलगंज बस डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एवं सिटी बसों के इंचार्ज डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिदन विभिन्न मार्गों पर 210 बसों का संचालन किया जा रहा है। जिससे प्रतिदिन लगभग साढ़े चार लाख की आमदनी हो रही है। सीएनजी पर 2ः75 लाख का खर्च रोजाना आता है। तो वहीं कंपनी पर करीब हर माह तीन लाख का खर्च आता है। बताया कि सिटी बसों का मेंटीनेंस व चालकों की व्यवस्था करने वाली कंपनी के भुगतान पर मुख्यालय से ही निर्णय होता है। जानकारी के मुताबिक इन बसों के संचालन में हर माह घाटा लगभग 1 करोड़ 73 लाख रुपये आता है। अब देखना यह होगा कि यह सिटी बसें आखिर कब तक कर्जदार होकर सड़क पर दौड़ेंगी या फिर इन्हे बंद कर दिया जाएगा।