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निकाय चुनाव में 22 वार्डो में बसपा के परम्परागत वोटों पर घमासान, भाजपा सपा को फायदा
By Deshwani | Publish Date: 13/11/2017 11:56:53 AM
निकाय चुनाव में 22 वार्डो में बसपा के परम्परागत वोटों पर घमासान, भाजपा सपा को फायदा

वाराणसी, (हि.स.)। विधानसभा चुनाव में भाजपा के आंधी में तिनके की तरह बिखर गयी बसपा निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। अर्से बाद पार्टी इस चुनाव को लेकर गम्भीर दिख रही हैं। पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी भी खासे सक्रिय हैं। उनके अगुवाई में मेयर प्रत्याशी जनसम्पर्क कर रही है। वरूणापार के कई वार्डो में प्रत्याशी अपने दम पर समर्थकों के साथ घर-घर दस्तक दे रहे हैं। पार्टी की निगाहें अपने परंपरागत वोटरों के साथ अल्पसंख्यक वोटरों पर भी है। साथ ही पार्टी का सबसे बड़ा चुनावी हथियार सु्प्रीमों सुश्री मायावती का नाम है। इस नाम के भरोसे प्रत्याशी मैदान में हाथ पांव मार रहे है। 
बतादें, नगर निकाय चुनाव में बसपा ने सुधा चौरसिया को महापौर का प्रत्याशी बनाया है। यहां नगर निगम के 90 में से सिर्फ 68 वार्डों पर ही पार्षद प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। 22 वार्डों में बसपा का कोई प्रत्याशी नहीं हैं। जिन वार्डो में बसपा प्रत्याशी न​ही लड़ रहे हैं वहां के पार्टी के परम्परागत वोटों को हथियाने के लिए भाजपा कांग्रेस सपा में घमासान मचा हुआ हैं। माना जा रहा है कि बसपा के 22 वार्डो में वोटो के इस बिखराव का फायदा भाजपा और सपा को मिल सकता हैं। राजनीति के जानकार बताते है कि विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के चलते दलितों का बड़ा बोटबैंक भाजपा से जुड़ गया। यह बड़ा तबका निकाय चुनाव में भी अगर भाजपा के साथ जुड़ा रहता है तों पार्टी सफलता के रथ पर आसानी से सवार हो जायेगी। 
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