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दुधी नदी पर 1400 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा बांध, किसानों को मिलेगा लाभ
By Deshwani | Publish Date: 13/11/2017 10:46:33 AM
दुधी नदी पर 1400 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा बांध, किसानों को मिलेगा लाभ

भोपाल, (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद जिले के ग्राम बनखेड़ी में भाऊसाहब भुस्कुटे लोक न्यास परिसर गोविंद नगर में रविवार को कृषि विज्ञान केन्द्र का उदघाटन करते हुए घोषणा की कि दुधी नदी पर 1400 करोड रूपये की लागत से बांध बनाया जाएगा। इससे एक लाख 50 हजार एकड़ क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे होशंगाबाद तथा नरसिंहपुर जिले के किसान लाभांवित होगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बांध से पानी का अधिकतम उपयोग करने के लिये पाईप लाईन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा दी जाएगी। इससे किसान स्प्रिंकलर तथा टपक सिंचाई पद्धति से खेतों को पानी दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाऊसाहब भुस्कुटे संस्थान ने जैविक खेती के विकास तथा खेतों को उन्नत बनाने के लिये किसानों का सदैव मार्गदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र भवन के लिये शीघ्र ही धन राशि मंजूर कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में भारी मात्रा में खाद का उपयोग करने से खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है, खेत बंजर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या के निदान के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र से किसानों को सही मार्गदर्शन मिलेगा। किसान फसल चक्र को अपनाएं तथा जैविक विधि से खेती करें। सीएम ने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने के लिये केवल फसल का उत्पादन बढ़ाना पर्याप्त नहीं हैं। किसान पशु पालन और सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित करने के वैकल्पिक साधन भी अपनाएं। उन्होंने कहा कि गौवंश को बढ़ावा देकर उसे खेती से जोडऩा होगा। गायें केवल दूध के लिये नहीं है। गौवंश धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिये अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना किसानों के लिये निश्चित ही वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि जब अच्छा उत्पादन होता है तो बाजार में दाम घटते हैं। ऐसी स्थिति में किसान को किसी भी तरह की हानि से बचाने के लिये ही भावांतर भुगतान योजना क्रियान्वित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को उनके पसीने का उचित मूल्य देने के लिये इस योजना को लागू किया है। उन्होने कहा कि 31 अक्टूबर को भावांतर योजना के प्रथम मॉडल रेट घोषित कर दिये गये हैं। इसके आधार पर किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान किया जाएगा। 
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