मुंबई, (हिस)। सांगली में तासगांव-कवठेमहाकाल मार्ग पर योगेवाडी गांव के समीप एक ट्रक अचानक पलट गया जिससे 11 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 22 अन्य घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल हुए मजदूरों का इलाज मिरज के वैद्यकीय महाविद्यालय में किया जा रहा है। मामूली रूप से घायलों का इलाज तासगांव के ग्रामीण अस्पताल में किया जा रहा है। मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। लगातार चार दिनों से एसटी की हड़ताल होने के कारण यात्रियों व मजदूरों को ट्रकों व मिनी बसों का सहारा लेना पड़ रहा था, जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा है।
कर्नाटक के बीजापुर से महाराष्ट्र के सांगली व आसपास के जिलों में काम की तलाश में मजदूर ट्रक से आ रहे थे। ये मजदूर या अन्य यात्री हमेशा एसटी के सहारे अपनी यात्रा को पूरा करते थे। गत चार दिनों से लगातार एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मजदूरों व अन्य यात्रियों को ट्रकों में सफर करना पड़ रहा था। बहरहाल, ट्रक में मजदूर सोते हुए रात को सफर कर रहे थे। ट्रक तासगांव-कवठेमहाकाल मार्ग से सांगली आ रहा था कि शनिवार की तड़के योगेवाडी गांव के पास यह हादसा हो गया।
धुंध होने के कारण चालक का ट्रक से नियंत्रण खो गया और दुर्घटना हो गई। दुर्घटना के बाद तासगांव, भोसे, हातनूर और पलूस से 108 नंबर की चार रुग्णवाहिका घटनास्थल पर पहुंच गई और इनके माध्यम से घायलों को इलाज के लिए मिरज व तासगांव के ग्रामीण अस्पताल में पहुंचाया गया। हादसे में 11 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 22 अन्य मजदूर घायल हो गए हैं। गंभीर रूप से घायल 11 मजदूरों को मिरज के वैद्यकीय महाविद्यालय में भर्ती कराया गया है। मामूली रूप से घायल हुए 11 मजदूरों का इलाज तासगांव के ग्रामीण अस्पताल में चल रहा है।
घटना की सूचना बीजापुर के जिलाधिकारी व वहां के जनप्रतिनिधियों को दे दी गई है। हादसे की सूचना मिलते ही मिरज के उप जिलाधिकारी मिनाज मुल्ला, मिरज के तहसीलदार शरद पाटिल, कवठेमहाकाल की तहसीलदार शिल्पा ठोकडे और राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारी घायलों की मदद के लिए दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। कर्नाटक के बीजापुर से राजस्व विभाग की एक टीम सांगली के लिए रवाना हो गई है। मौके पर स्थानीय पुलिस बल पहुंच गया है।
स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पहुंचकर घायलों की मदद के लिए पुलिस प्रशासन, जिलाधिकारी प्रशासन कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। जेसीबी की सहायता से शवों व घायल मजदूरों को निकाला गया। 11 मृतकों में से छह की पहचान हुई है। उसमें से एक का नाम संगमा सिदाप्पा भिमसे (60) और दूसरे का नाम श्रीमत गुलालप्पा गौड़ (50) है। घायलों में इंदूबाई शामराव निंबालकर (30), इंदूबाई शामराव निंबालकर (30), परशुराम यल्लप्पा पुजारी (25), बसम्मा यलाप्पा पुजारी (45), रुपेश शिवाजी राठौड़ (27), संतोष महादेव मंजुले, अशोक रेवाप्पा बिरादार (50), लक्ष्मीबाई लक्ष्मण मादार (30), लक्ष्मण प्रभू मादार (40), बेबी समीरहुसेन शेख (45), साहेबअण्णा महादप्पा ज्ञानमंत (65), नागाप्पा शामराव निंबालकर (8) हैं।