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इंदौर में ''हिंगोट युद्ध'' पर चलेंगे आग्नेयास्त्र
By Deshwani | Publish Date: 20/10/2017 3:29:31 PMभोपाल/गौतमपुरा, (हि.स.)। इंदौर के गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन 'हिंगोट युद्ध' होता है। परंपरागत वर्षों पुरानी परंपरा को जीवित बनाए रखने के लिए हिंगोट युद्ध के लिए यहां तुर्रा (गौतमपुरा) और कलंगी (रुणजी) दल के बीच जमकर युद्ध होता है। दोनों तरफ के लोग एक दूसरे पर आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग कतरे हैं।
परंपरागत इंदौर के गौतमपुरा में दीपावली के अगले दिन 'हिंगोट युद्ध' होता है। इसमें दो पार्टी शामिल होती है जिसमें कई गांवों के लोग शामिल होते हैं। इस 'युद्ध' के दौरान जब लोग एक-दूसरे पर आग्नेयास्त्र चलाते हैं तो देखने वालों की आंखें भी मिच जाती हैं। यह 'युद्ध' यहां के पारंपरिक आग्नेयास्त्र हिंगोट से होगा।
इस 'युद्ध' को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं जहां पर पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं जिससे कि परंपरा के नाम पर किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घट जाए। इसी के मद्देनजर पुलिस ने एक सप्ताह पहले यहां आकर सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया था।
गौरतलब है कि हिंगोट हिंगोरिया नामक पेड़ पर पैदा होने वाला एक फल होता है। लोग उस फल को जंगल से लाकर घर पर तैयार करते हैं, नरियल जैसा सूखा कटोरा बनाकर उसमें एक छेद करते हैं जिसमें बारूद भर दी जाती है। बाद में इसे युद्ध के दौरान फेंकते हैं। फेंकते समय यह बम की तरह फट जाता है। युद्ध के दौरान लोग अपना बचाव और सुरक्षा के लिए ढाल का प्रयोग करते हैं। हालांकि कई लोग इसमें बुरी तरह घायल भी हो जाते हैं, लेकिन आस्था और परंपरा के आगे ये सब बौने साबित हो जाते हैं।