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ज्योति पर्व पर छलकी खुशियां, विधि विधान से पूजे गये भगवान गणेश व मां लक्ष्मी
By Deshwani | Publish Date: 20/10/2017 9:46:34 AM
ज्योति पर्व पर छलकी खुशियां, विधि विधान से पूजे गये भगवान गणेश व मां लक्ष्मी

लखनऊ/वाराणसी, (हि.स.)। ज्योति पर्व पर गुरूवार को राजधानी लखनऊ, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी, कानपुर, गोरखपुर, अयोध्या, चित्रकुट, मथुरा, आगरा, मेरठ, झांसी, सभी जनपदों में चहुंओर खुशियां और समृद्धि के लिए लोगों ने दीपक जलाकर दीपावली मनाई।
चहुंओर अनार बम, चटाई, पटाखा, आकाशीय तीर हवाओं में अपनी छटाएं बिखरती रहीं। तिमिर पर रौशनी की बरसात, दीयो की लौ, झिलमिलाती विद्वुत सतरंगी लड़िया इस कदर हावी थी कि लगता था कि धरा पर अन्धकार को रहने नहीं देगी। दिन के तीसरे पहर से देर रात बच्चें, युवा अपने परिवार के साथ पर्व की खुशियां सांझा कर आतिश बाजी का मजा लूटते रहे। इसके पूर्व शाम ढलते ही घर की महिलाओं और बच्चों ने दीयों को सजा रंगोली अल्पना बनायी। छत,मुंडेर और बारजा सहित घर के आसपास बल्वों के लतर के साथ दिये जलायें। विधि विधान से लक्ष्मी गणेश का पूजन किया। 
उधर दुकानों, प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई के बाद चौघड़िया मुर्हुत में कर्मकांडी बाम्हणों द्वारा लक्ष्मी गणेश का विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद नये बहिखाता तिजोरी का पूजन किया। इसके बाद ग्राहकों और परिचितों के बीच मिठाइयां गिफ्ट के रूप में बांटी। 
इस पर्व पर राजभवन, विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास, लोक निर्माण विभाग कार्यालय समेत सभी प्रमुख कार्यालयों व इमरतों को बल्ब की झालरों से सजाया गया था। उधर काशी में महामना की बगिया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में भी वरिष्ठ प्रोफेसरों, आचार्यों, कर्मचारियों ने विधि विधान और उमंग के बीच लक्ष्मी गणेश का पूजन किया।​ काशी व कानपुर में गंगा त​था अयोध्या के सरयू तटों को दीप मालाओं से सजाया गया था।
रौशनी से सराबोर शहर और अपने घर, मकान, दुकान की सुन्दरता देख लोग जमकर सेल्फी भी लेते रहे। विद्युत झालरों से बीएचयू का सिंह द्वार,सामने स्थित महामना की आदमकद प्रतिमा भी रौशनी बिखेर रही थी। इसी तरह गंगा घाट और घाट किनारे स्थित मकान मंदिर रौशनी की आभा में दप -दप करते रहें। खासतौर से रामनगर का ऐतिहासिक दुर्ग की रोशनी का नजारा देखते ही बनता था। इसके पूर्व दीपावली पर सुबह से ही उत्साह का माहौल था। 
शहरवासी सुबह से ही लक्ष्मीजी के पूजन के लिए अपनी दुकानों, मकानों की सफाई करते देखे गए। सुबह से ही शहर में ठेले वाले अशोक के पत्ते, माला वालों ने अपनी अस्थायी दुकानें लगा ली थी। लोगों ने अशोक के पत्ते, फूल आदि खरीदकर दुकानों, मकानों पर सजाए।
दीपावली के बधाई का दौर
ज्योति पर्व पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हुए भी देखे गए। लोगों ने एसएमएस, वाट्सएप, मोबाइल,फेसबुक,ट्वीटर से भी एक-दूसरे को बधाई दी। इस पर्व पर शहर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे। सभी जनपदों में जिला प्रशासन ने आज भी खरीददारों की लंबी भीड़ को देखते हुए शहरभर में सुरक्षा व्यवस्था पर खासा ध्यान दिया। शहर में पुलिस बलों के साथ अर्धसैनिक बल के जवान लगातार गश्त करते रहे । 
सैकड़ों कुन्तल फूलों की खपत
दीपावली पर्व पर कई कुन्तल फूलों की खपत हुयी। सबसे ज्यादा गेंदा फूलों की ब्रिकी हुई। इसके अलावा केले व आम के पत्तों से तोरण बनाया गया। घर के दरवाजों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लोगों ने गेंदा के फूलों से सजावट कर दीपावली पर्व को सुगंधित कर दिया। 
फड़ पर लाखों का वारा न्यारा 
दीप पर्व पर परम्परानुसार लोगों ने जुआ भी खेला। कई फड़ों पर देर रात लोग बैठ कर सुरा के साथ हजारों लाखों का दांव लगा वारा-न्यारा करते रहे। वही घरों में कौड़िया भी खेली गयीं। जुआ गली कुंचों से लेकर फाइव स्टार होटलों और पाश कालोनियों में लोगों ने खेला। कई जगह लोग परिवार के साथ बैठ कर भी रम्मी खेलते रहे।
27 साल बाद पूजन के लिए मिला गुरु चित्रा नक्षण
दीपावली पर इस वर्ष 27 साल बाद गुरु चित्रा योग बना। इसके पहले यह योग 1990 में बना था और आगे 4 साल बाद 2021 में बनेगा। ज्योतिष के अनुसार अमावस्या तिथि गुरुवार का दिन और चित्रा नक्षत्र इन तीनों के एक साथ होने का योग बहुत कम बनता है। इस बार यह स्थिति बनी हैं। ज्योतिष में गुरु को सोना, भूमि, कृषि आदि का कारक ग्रह माना जाता है। जबकि चित्रा नक्षत्र चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों के लिए खास व शुक्र की राशि वाला यह नक्षत्र समृद्धि का कारक है। 
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