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जीएसटी व नोटबंदी के चलते लोगों ने धनतेरस पर चम्मच-गिलास ही खरीदा- बलराम
By Deshwani | Publish Date: 18/10/2017 7:40:48 PMआजमगढ़, (हि.स.)। देश के वातावरण से जन-जन भुक्तभोगी है। धनतेरस पर हर परिवार बर्तन, स्वर्णाभूषण आदि खरीदना शुभ मानता है। लेकिन जीएसटी और नोटबंदी ने लोगों की ऐसी कमर तोड़ी कि लोगों ने धनतेरस पर चम्मच और गिलास की खरीदारी कर शुभ किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री विकास कार्यों को करने के बजाए जनहित की योजनाओं को बंद करने का कार्य कर रहे हैं।
उक्त बातें सपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री बलराम यादव ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कहीं।
श्री यादव ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से जो भी वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया। हर वर्ष दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगारों का वादा किया था। लेकिन आज उनके ही आंकड़े बताते हैं कि वह इस वादे को पूरा नहीं कर सके हैं। उन्होंने जन-धन खातों में पैसा भेजने का वादा किया था। जिसका परिणाम हुआ कि जो हमारे परंपरागत वोटर थे उन्होंने भी चुनाव के दौरान कहा कि इस बार पैसा ले लेने दीजिए। अगली बार आप वोट ले लीजिएगा। आज वह लोग पछता रहे हैं। सीमाओं की सुरक्षा को लेकर चुनाव के दौरान वादा किया गया था लेकिन आज तक इस पर भी कोई कार्य नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विकास के एक भी कार्य नहीं किया। अलबत्ता उन जनहित की योजनाओं को बंद करने का कार्य किया जो पूर्व में संचालित थीं। आजमगढ़ में जो भी विकास के कार्य हुए हैं वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव द्वारा कराए गए हैं। किसानों के फसल मूल्य को बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों के उपज का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार तय करती है तीन साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है उसने पहले क्यों नहीं किया। धनाभाव का कारण बताकर योजनाओं का लटकाना जनादेश का उल्लंघन है। लखनऊ में मेट्रो का उद्घाटन तो पहले ही हो चुका था लेकिन अब उसे अपने बताकर ढ़िंढ़ोरा पीट रहे हैं। अगर ऐसा है तो गोरखपुर में चलवा दें। हमने किसानों के लिए सठियांव में एशिया की सबसे बड़ी चीनी मिल को बनवाया ताकि जनपद के किसानों का भला हो सके। उन्होंने कहा कि पार्टी मुखिया ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है वह उसका जिम्मेदारी से निर्वहन करेंगे। क्योंकि वह पहले भी पार्टी को मजबूत करने का कार्य करते रहे हैं और आगे भी करेंगे।