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अमोनिया गैस रिसाव से एक किमी. क्षेत्र में छाई धुंध, पांच घंटे तक बना रहा असर
By Deshwani | Publish Date: 18/10/2017 3:40:25 PM
अमोनिया गैस रिसाव से एक किमी. क्षेत्र में छाई धुंध, पांच घंटे तक बना रहा असर

कानपुर, (हि.स.)। महाराजपुर थानाक्षेत्र के सरसौल में हादसे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों यहां हुए दो विस्फोटों में दो लोगों की मौत के बाद बुधवार को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार के कोल्ड स्टोरेज की छत अचानक ढह गई जिसके चलते अमोनिया गैस की पाइप लाइन फट गई और जहरीली गैस पूरे क्षेत्र में फैल गई। 

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के चाचा सुभाष महाना का महाराजपुर के सरसौल में रमेश रेफ्रीजेरेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कोल्ड स्टोरेज है। बुधवार को सुबह अचानक कोल्ड स्टोरेज का कमजोर जीना तेज आवाज के साथ ढह गया जिसका मलबा छत पर जा रही अमोनिया गैस पाइप लाइन पर आकर गिरा। मलबा गिरने से गैस लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी और तेजी से गैस रिसाव शुरू हो गया। कुछ ही देर में पूरे इलाके में धुएं का बादल छा गया। दूर तक कोहरे सी धुंध नजर आने लगी। हादसे के वक्त कोल्डस्टोरेज में कर्मचारी राम बरन, अभिषेक, विजय और एक मजदूर ठेकेदार मौजूद थे। 

गैस रिसाव देख सभी जान बचाकर भाग खड़े हुए। इस बीच कोल्ड स्टोरेज से सटे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमोनिया गैस भर गई और वहां भर्ती प्रसूताओं व नवजात बच्चों का दम घुटने लगा। स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों ने पीछे की दीवार तोड़कर अस्पताल में भर्ती सात महिलाओं को बाहर निकाला। इस बीच गैस की चपेट में अस्पताल की महिला कर्मचारी रचना और तारा बेहोश हो गईं जिन्हें आनन-फानन में वार्ड ब्वाय बद्री सिंह ने किसी तरह बाहर निकाला। सभी प्रसूताओं को एम्बुलेंस से तुरंत घर भेजा गया। 

कोल्ड स्टोरेज की छत ढहने व गैस रिसाव की सूचना पाकर महाराजपुर एसओ समर बहादुर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गई। गैस का असर एक किलोमीटर तक फैलने की जानकारी मिलते ही डीएम सुरेन्द्र सिंह, डीआईजी सोनिया सिंह, एसपी ग्रामीण जेपी सिंह, सीओ सदर भी मौके पर पहुंच गए। अफसरों के पहुंचने तक फायर ब्रिगेड कर्मियों ने काफी हद तक गैस रिसाव को बंद कराते हुए असर को काबू कर लिया था। जांच के लिए अफसर सामुदायिक केंद्र के अंदर घुसे लेकिन गैस के चलते उन्हें भी दम घुटने का अहसास होने लगा और वह फिर अंदर नहीं गए। 

अस्पताल के वार्ड ब्वाय बद्री सिंह ने बताया कि अचानक तेज आवाज हुई। लोग बाहर देखने निकले ही थे कि कुछ देर में दम घुटने का एहसास हुआ और आंखों में जलन होने लगी। इससे अंदाजा हो गया कि गैस रिसाव हो रहा है। अस्पताल में गैस भरने से वहां के हालत बिगड़ने लगे। सामने का दरवाजा दूर होने से सभी ने मिलकर पीछे की दीवार तोड़ी और मरीजों और स्टाफ को बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। लगभग पांच घंटे बाद स्थिति सामान्य हो सकी। 

वार्ड ब्वाय ने बचाई कई जानें 

सीएचसी के वार्ड ब्वाय बद्री सिंह ने गैस रिसाव की भयावयता को समझते ही बड़ी सूझबूझ से काम लिया। उसने अस्पताल में भर्ती शारदा, अनीता, प्रिया कुशवाहा, पूजा, मंजू, राजरानी समेत सात प्रसूताओं को उनके नवजात बच्चों के साथ लोगों की मदद से सबसे पहले बाहर निकाला। इस दौरान दो महिला स्टाफ कर्मी बेहोश भी हो गई। वार्ड ब्वाय ने बाहदुरी का परिचय देते हुए उन्हें भी बाहर निकाला और सूचना एम्बुलेंस को दी। जानकारी मिलते ही पहुंची एंबुलेंस द्वारा सभी जच्चा-बच्चा को घर भेजा गया। 

उठ रहे मानकों पर सवाल

जानकारी के मुताबिक कोल्ड स्टोरेज मंत्री सतीश महाना के चाचा सुभाष महाना का है जिसकी देखरेख उनके बेटे सौरभ महाना करते हैं। कोल्ड स्टोरेज महज चार साल पूर्व ही बना था। बुधवार को जीने की छत ढहने व अमोनिया गैस रिसाव को देखते हुए इसके मानकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि अधिकारियों द्वारा घटना व मानकों की जांच कराने की बात कही जा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार में मंत्री के रिश्तेदार का कोल्ड स्टोरेज होने से इसकी संभावनाएं कम है। 

टला बड़ा हादसा 

हादसे के वक्त करीब छह बजे कोल्ड स्टोरेज में काम नहीं हो रहा था। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर काम हो रहा होता तो बड़ा हादसा होता। सूचना पर कोल्ड स्टोरेज मालिक और प्रबंधन से जुड़े अन्य कर्मचारी भी पहुंच गए। जिनसे मौके पर पहुंचे डीएम व डीआईजी ने पूछतांछ की। डीएम ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज का जीना ढहने से गैस रिसाव हुआ है। हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। कोल्ड स्टोर के मालिक द्वारा मलबा हटवाते हुए दुरूस्तीकरण का काम कराया जा रहा है। 

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