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धनतेरस पर सज गया बाजार, ग्राहकों को लुभाएगी विदेशी ज्वैलरी
By Deshwani | Publish Date: 17/10/2017 3:09:01 PM
धनतेरस पर सज गया बाजार, ग्राहकों को लुभाएगी विदेशी ज्वैलरी

कानपुर, (हि.स.)। खरीददारी तो वैसे लोग वर्ष भर करते हैं, लेकिन धनतेरस व दीपावली त्योहार पर लोगों में कुछ अलग उत्साह रहता है। इन त्योहारों को देखते हुए बाजार पूरी तरह से सज गया है। यहां तक बाजारों की सड़कें भी खाली नहीं बची हैं। इस बार बाजार में ग्राहकों के लिए विदेशी ज्वैलरी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। 
धनतेरस में कानपुर में लगभग तीन सौ करोड़ रुपये का कारोबार होता है। दुकानदार तीन दिन पहले से ही दुकानों को चमकाने में जुटे हैं, लेकिन मंगलवार को यानि धनतेरस को उनका उत्साह देखते ही बना। सर्राफा व बर्तन बाजार की सजावट तो देखते ही बन रही है। खरीददारी के इस उत्सव में छोटा हो या बड़ा हर कारोबारी अपने सामान की ज्यादा से ज्यादा बिक्री करना चाहता है। 
धनतेरस के मौके पर बर्तनों की खरीददारी को सबसे शुभ माना जाता है। हटिया, भूसाटोली जैसे बड़े बर्तन बाजारों में रातभर माल की आवक जारी रही। बाजार में क्वालिटी के हिसाब से स्टील की कीमत 200 रुपये से लेकर 1,000 रुपये किलो तक है। वैसे, पीतल बाजार में कीमतें पिछले वर्ष जितनी ही हैं। यूं तो पीतल 400 रुपये से 500 रुपये किलो के बीच है, लेकिन पीतल के बर्तन, पूजा के काम आने वाली वस्तुओं की कीमत ज्यादा है। इसकी वजह से उनके बनाने में लगी कारीगरी बताई जा रही है। तांबा के बर्तनों में भी यही स्थिति है। इसके बर्तन भी कारीगरी के हिसाब से 600 रुपये किलो से 1500 रुपये किलो तक के हैं। 
इस बार बाजार में सबसे अलग आकर्षण का केन्द्र विदेशी ज्वैलरी है। धनतेरस के मौके पर इटैलियन, कोरियन, साउथ अफ्रीका की भी ज्वैलरी बाजार में है। भारतीय परंपरा भारी ज्वैलरी की है। इनके मुकाबले ये ज्वैलरी काफी हल्की हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी खूबी इनकी डिजाइन और फिनिशिंग है। 
सर्राफा कारोबारी नितिन अग्रवाल ने बताया कि युवाओं को हल्की व स्टाइलिश ज्वैलरी ज्यादा पसंद है। इसीलिए विदेशी ज्वैलरी को बाजार में लाया गया है। इसके अलावा सराफा बाजार में बंगाली, गुजराती, मराठी, मद्रासी सभी राज्यों से जुड़े डिजाइन के जेवर भी हैं।
शुद्धता पर विशेष ध्यान
राज ज्वैलर्स ने बताया कि ग्राहक शुद्धता पर सबसे ज्यादा ध्यान देता है। इसके लिए वे ज्यादातर उन्हीं दुकानों पर खरीदारी करते हैं, जहां उनका विश्वास होता है। शुद्धता को सबसे आगे रखने वाले ग्राहक हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ज्यादा खरीदते हैं। इसकी वजह से तमाम कारोबारियों ने अपने शोरूम में हॉलमार्क वाली ज्वैलरी रखना शुरू कर दिया है। धनतेरस के मौके पर यूं तो जेवर के साथ ही बुलियन की भी खरीद होती है। बुलियन निवेश के लिए सबसे अच्छी वस्तु मानी जाती है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा लोग चांदी के सिक्के खरीदते हैं। चांदी के सिक्कों की मांग को देखते हुए 10 ग्राम से एक किलो तक के सिक्के बाजार में हैं। इनमें गोल के साथ चौकोर, आयताकार सिक्के भी हैं। साथ ही सोने की पालिश के साथ ही चांदी के सिक्के बाजार में हैं।
सज गईं गणेश लक्ष्मी की दुकानें
बाजार में गणेश-लक्ष्मी की दुकानें सज गई हैं। गली, मोहल्लों में इनकी बिक्री शुरू भी हो गई है। 20 रुपये जोड़ी से लेकर कई सौ रुपये की मूर्तियां बाजार में मौजूद हैं। प्रमुख बाजारों में गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमाएं सज चुकी थीं। इसमें मिट्टी के अलावा प्लास्टर आफ पेरिस, चांदी की मूर्तियां भी थीं। वस्त्रों और जेवरों से सजी मूर्तियों की भी एक बार फिर जबरदस्त मांग है।
घर को सजाने के लिए कृत्रिम फूल और पत्तियों की दुकानें भी सजी हुई हैं। कारोबारी दिनेश गुप्ता के अनुसार सबसे ज्यादा खरीदारी धनतेरस के मौके पर को होगी। इसमें फ्लावर स्टिक की कीमत 70 रुपये से लेकर 400 रुपये तक हैं। कुछ उनकी क्वालिटी पर और कुछ उनकी सुंदरता के आधार पर रेट बढ़ रहे हैं। वहीं कृत्रिम फूलों के गुलदस्ते 50 रुपये से शुरू होकर 700 रुपये के आसपास तक हैं। घर की खिड़की पर लटकाने के लिए बेल मौजूद है तो पेड़ भी हैं जो कई हजार की रेंज में पहुंचे चुके हैं। इसी तरह रेडीमेड, फर्नीचर व इलेक्ट्रानिक बाजार भी सजे हुए हैं। 
सजा आतिशबाजी बाजार
हाईकोर्ट के आदेश पर भले ही आतिशबाज बाजार यूनियन क्लब पहुंच गया हो पर आतिशबाजी बाजार को धनतेरस पर अच्छी बिक्री की उम्मीद है। कारोबारियों को उम्मीद है कि हर वर्ष की तरह बच्चे पटाखों की बिक्री को लेकर उत्साहित नजर आएंगे और देर रात तक उन्हें अच्छी बिक्री मिलेगी।
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