भोपाल, (हि.स.)। रवीन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर विगत 10 अक्टूबर से चल रही रामलीला का सोमवार को देर शाम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ समापन हो गया। लवकुश रामलीला समिति दिल्ली द्वारा आयोजित यह रामलीला भव्यता और प्रभावों की दृष्टि से अब तक भोपाल में मंचित रामलीलाओं में सबसे श्रेष्ठ रही। उल्लेखनीय है कि पहली बार यह समिति चांदनी चौक के अपने मूल स्थान से भोपाल रामलीला का प्रदर्शन करने आई थी।
विगत सात दिनों में नारद मोह से लेकर विविध प्रसंगों के माध्यम से इस मण्डली ने रामचरित मानस के विविध प्रसंगों को मंचित किया। इनमें श्रीराम जन्म, अहिल्या उद्धार, राम वनवास, पंचवटी प्रसंग, सीता हरण, बालि वध, सीता हरण, रावण-हनुमान संवाद, लंका दहन, रामसेतु बंधन, रावण अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति कुम्भ्करण वध आदि प्रसंग शामिल थे। समापन दिवस समिति ने मेघनाद वध, अहिरावण एवं रावण वध तथा राम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों साथ प्रस्तुत किया।
पहले दिन से जो प्रवाह और वेग इस रामलीला को मिला था, सोमवार को उसके उपसंहार कर दिन था। रावण वध और राम का राज्याभिषेक हर रामलीला की चरम परिणति है। दर्शकों को उसी घटनाक्रम का इंतजार था। जब वह समय आया, तमाम नसीहतों और अच्छी सलाहों को ठुकराते और दरकिनार करते हुए रावण जब श्रीराम से युद्ध करने लगा, तो उसकी हार सुनिश्चित थी, उसका पराजित होना अवश्यम्भावी हो गया। रावण के गिरते ही राम की सेना में खुशी की लहर छा गयी। सब ने उत्साह से ताली बजाकर ईश्वर के इस फैसले का स्वागत किया। उसके बाद राज्याभिषेक एवं भव्य आरती के साथ ही रामलीला का समापन हुआ।