ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
राज्य
मुंबई: लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की रिश्वतखोरी की धीमी जांच से एसीबी शक के दायरे में
By Deshwani | Publish Date: 17/10/2017 10:30:32 AM
मुंबई: लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की रिश्वतखोरी की धीमी जांच से एसीबी शक के दायरे में

मुंबई, (हि.स.)। नाशिक लोक निर्माण विभाग के तीन इंजीनियरों की तीन लाख रुपये की रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तारी के बाद रिश्वत प्रतिबंधक विभाग (एसीबी) की जांच पड़ताल धीमी गति से चल रही है। इसके कारण उस पर उंगली उठ रही है कि वह आर्थिक लेनदेन करके मामले को दबाना चाह रही है। इस मामले में एसीबी नाशिक के अधीक्षक पंजाबराव उगले सहित अन्य कोई अधिकारी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं चर्चा है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हस्तक्षेप होने के कारण एसीबी जांच मामले में महत्वपूर्ण जानकारी देने से कतरा रही है।
नाशिक में रास्ते का काम पूर्ण करने के बाद भी बिल की रकम देने के लिए ठेकेदार से 6 लाख रुपये की रिश्वत मांगने व 3 लाख रुपये स्वीकार करने वाले लोकनिर्माण विभाग के 3 अभियंताओं को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेजा है। एसीबी व पुलिस तीनों अभियंताओं क्रमश: एक्जीक्युटिव इंजीनियर देवेंद्र सखाराम पवार (35), असिस्टेंट इंजीनियर सचिन प्रतापराव पाटिल (42) व ब्रांच इंजीनियर अजय शरद देशपांडे (45) से संयुक्त रूप से पूछताछ करते हुए उनकी संपत्ति की जांच पड़ताल कर रही है लेकिन 3 दिनों में इस मामले में जांच पड़ताल के दौरान कौन सी जानकारी मिली, इसे लेकर जांच अधिकारी किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए इस मामले में बड़े पैमाने पर आर्थिक रूप से लेन देन होने की जोरदार चर्चा नागरिकों में चल रही है। 
पुलिस ने बताया कि वह आज तीनों इंजीनियरों को पुन: न्यायालय में पेश करके पुलिस हिरासत की मांग करने वाली है। तीनों में एक इंजीनियर का संबंध भाजपा के एक लोकप्रतिनिधि से होने के कारण एसीबी के अधीक्षक पंजाबराव उगले जानकारी देने में टालमटोल कर रहे हैं। ऐसी चर्चा जोरों पर है। एसीबी की कार्यप्रणाली का रिश्वतखोरी की घटनाओं पर सीधा असर पड़ता है। एसीबी अगर तेजगति से उचित कार्रवाई करती है तो आम नागरिकों का शिकायत करने को लेकर मनोबल बढ़ता है। उल्लेखनीय है कि चिखलीकर-वाघ मामले के बाद एसीबी के पास शिकायतकर्ताओं की कतारें लगी थी लेकिन पंजाबराव उगले द्वारा नाशिक विभाग का कामकाज संभालने के बाद शिकायतकर्ताओं की संख्या कम होने लगी है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS