राज्य
दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान का पालन करने पर ही तलवार दम्पत्ति होंगे रिहा
By Deshwani | Publish Date: 15/10/2017 6:13:58 PMइलाहाबाद, (हि.स.)। आरूषि-हेमराज मर्डर केस में बरी हुए तलवार दम्पत्ति की जेल से तत्काल रिहाई का हाईकोर्ट का आदेश सशर्त है।
सीबीआई जज श्यामलाल के आदेश को रद्द कर संदेह का लाभ देकर बरी करते हुए उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा है कि तलवार दम्पत्ति की रिहाई तभी सम्भव हो सकेगी जब वे इस केस के अलावा अन्य किसी केस में वांछित न हो तथा रिहाई से पूर्व उन्हे दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437ए के प्राविधानो का पालन करना होगा। धारा 437ए-दंड प्रक्रिया संहिता में नया जोड़ा गया है। इसे 31 दिसम्बर 2009 से प्रभावी किया गया है। इसे दंड प्रक्रिया संहिता में प्रभावी बनाने के लिए मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स, नई दिल्ली ने 30 दिसम्बर, 2009 को अधिसूचना जारी कर लागू किया। इस धारा के तहत मुल्जिम को ट्रायल कोर्ट के समक्ष बेल बांड व सेक्योरिटी भरना होगा, जिस पर अपनी संतुष्टि के बाद तलवार दम्पत्ति की दासना जेल से रिहाई का परवाना जारी होगा। हाईकोर्ट के आदेश को माने तो जब तक आदेश के शर्ताे का पालन कर 437ए व अन्य शर्तों का अनुपालन नही होगा, तब तक तलवार दम्पत्ति जेल से रिहा नही होंगे।