इलाहाबाद, (हि.स.)। माता पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 और इसकी नियमावली 2014 के अनुसार ‘भरण पोषण न्यायाधिकरण’ असमर्थ वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चों, सम्बन्धियों से दस हजार रुपये तक मासिक सहायता राशि दिलवा सकता है और वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना दंडनीय अपराध है, जिसके लिए तीन माह का कारावास या पांच हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
यह बातें पूर्व आयुक्त आर.एस वर्मा ने विकास भवन में आयोजित गवर्नमेन्ट पेन्शनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में पेंशनरों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि असमर्थ माता पिता की देखभाल करना उनके बच्चों का दायित्व बनता है जिसका निर्वहन उन्हें करना चाहिए। विषम परिस्थितियों में वे परगना अभिकरण में एसडीएम को आवेदन दे सकते हैं। असहाय और निराश्रित लोगों के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से नैनी में आधारशिला वृद्धाश्रम स्थापित किया गया है।
एसोसिएशन के सदस्यों ने शासन द्वारा कैशलेस चिकित्सा लागू कराने के लिए जो पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर सामूहिक उपवास रखा था, उससे सरकार में कुछ सकारात्मक गतिविधि बढ़ी और सम्भावना है कि यह योजना 18 फरवरी से लागू होेगी। पेंशनर्स इससे संतुष्ट नहीं हुए और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अनुरोध किया गया कि इतना विलम्ब उचित नही है। पं. दीनदयाल कर्मचारी-पेंशनर्स चिकित्सीय योजना एक माह के अन्दर लागू की जाए अन्यथा पेंशनर्स एवं कर्मचारी सचिवालय में धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
बैठक में उपाध्यक्ष एवं सचिव के रिक्त पदों पर क्रमशः गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव और सुरेन्द्र सिंह को चयनित किया गया। संयुक्त सचिव पी.सी.एल श्रीवास्तव बनाए गए एवं हिन्च लाल को कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
महासचिव उमेश शर्मा ने पूंजी निवेश पर पेंशनर्स को सलाह दी कि अपनी पूंजी का निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखे। कहा कि पेंशनर्स के मेडिकल रिइम्बर्समेन्ट मे इनकम टैक्स नहीं काटा जाना चाहिए क्योंकि उक्त का भुगतान सीएमओ के परीक्षणोपरांत सरकारी रेट से होता है।
बैठक में भारी संख्या में पेंशनर्स मौजूद रहे। प्रमुख रूप से डा.पी.के. सिन्हा, डा.सुधा प्रकाश, गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव, सुरेन्द्र सिंह, भगौती प्रसाद, श्याम सुन्दर सिंह पटेल, आर.के जयसवाल, शम्भू नाथ भारती, ईश्वर लाल, तुलसी राम, जयश्री श्रीवास्तव, अरूणा अस्थाना, कमला कान्त पांडे, डा.अनवर आदि उपस्थित रहे।