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योगी और अखिलेश ने डॉ. कलाम को जयन्ती पर किया नमन
By Deshwani | Publish Date: 15/10/2017 2:30:33 PM
योगी और अखिलेश ने डॉ. कलाम को जयन्ती पर किया नमन

लखनऊ, (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम की जयन्ती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘भारत के पूर्व राष्ट्रपति, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, महान देशभक्त, लेखक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।’’ 

उन्होंने कहा कि महान वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात महान देशभक्त, लेखक, भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न, मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयन्ती पर हृदय से शत् शत् नमन। योगी आदित्यनाथ ने डॉ. कलाम के विचारों को भी ट्वीटर पर साझा किया, जिसमें कहा गया, ‘‘अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।’’

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘महान विचारक, युवाओं के प्रेरणास्रोत, हम सबके आदर्श एवं पथप्रदर्शक भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन ’’ उन्होंने भी डॉ. कलाम के विचार को साझा किया, जिसमें कहा गया, ‘‘युवाओं के लिए ये मेरा सन्देश है कि वे अलग सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, अनदेखें रास्तों पर चलने का साहस रखें, असम्भव को खोजने और समस्याओं पर जीत हासिल करके सफल होने का साहस रखें।’’

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे, न ही पैसे वाले थे। वे नाविक थे,और नियम के बहुत पक्के थे। उनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था।

डॉ. कलाम का राष्ट्रपति कार्यकाल 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक रहा। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। वह एक गैर राजनीतिक व्यक्ति रहे। विज्ञान की दुनिया में चमत्कारिक प्रदर्शन के कारण ही राष्ट्रपति भवन के द्वार उनके लिए स्वतः खुल गए। जो व्यक्ति किसी क्षेत्र विशेष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है, उसके लिए सब सहज हो जाता है और कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता। अब्दुल कलाम इस उद्धरण का प्रतिनिधित्व करते नज़र आते थे। 

उन्होंने विवाह नहीं किया था। उनकी जीवन गाथा किसी रोचक उपन्यास के नायक की कहानी से कम नहीं है। चमत्कारिक प्रतिभा के धनी अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व इतना उन्नत था कि वह सभी धर्म, जाति एवं सम्प्रदायों के व्यक्ति नज़र आते थे। वह एक ऐसे स्वीकार्य भारतीय थे, जो सभी के लिए ’एक महान् आदर्श’ बन चुके हैं। विज्ञान की दुनिया से देश का प्रथम नागरिक बनना कपोल कल्पना मात्र नहीं है, क्योंकि यह एक जीवित प्रणेता की सत्यकथा है।

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