केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ विद्यार्थी परिषद करेगी निर्णायक रैली : आलोक पांडेय
लखनऊ, (हि.स.)। केरल में वामपंथी आतंकवाद एवं सरकार पोषित हिंसा के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की आहूत रैली आगामी 11 नवम्बर को राजधानी तिरूवंतपुरम में संपन्न होगी। जिसमें पूरे भारत से एक लाख विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता केरल कूच करेंगे।
राष्ट्रीय मंत्री आलोक पांडेय ने बताया कि लाल आतंकवाद के विरुद्ध पूरे देश के युवा वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। राष्ट्रवाद विचारधारा के लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या की जा रही है। लोगों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। सरकार द्वारा पोषित लाल आतंकवाद लगातार हावी है।
एलडीएफ सरकार के कार्यकाल में अब तक सौ से अधिक हत्याएं होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन जघन्य हत्याकांडों से सीधा पल्ला झाड़ना प्रजातंत्र की हत्या के समान है। उन्होंने कहा कि कार्यकताआेंं की हत्याएं अमानवीय हैं। वैचारिक मतभेद में हत्याओं का प्रश्रय नहीं होना चाहिए। वामपंथी विचारधारा में संवाद की संस्कृति नहीं है। अभाविप ने लाल आतंकवाद के विरुद्ध केरल चलो का नारा बुलंद किया है। आगामी 11 नवंबर को होने वाली रैली ऐतिहासिक होगी, जिसमें पूरे भारत से लाखों छात्र-युवाओं का भाग लेंगे।
राष्ट्रीय मंत्री पांडेय ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् लगातार राष्ट्रहित में काम करने के साथ-साथ बराबर ही आतंकवाद और अलगाववाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करती रही है और आज भी जब लाल आतंकवाद सिर उठाया है तो परिषद् उसके विरूद्ध भी कमर कस लिया है। परिषद द्वारा चलाया जा रहा ‘चलो केरल’ अभियान वर्तमान समय की आवश्यकता के साथ साथ भविष्य के लिए भी ऐतिहासिक होगी। उन्होंने बताया कि वामपंथी हिंसा के शिकार केरल में आंदोलन के लिए जाना किसी विद्यार्थियों के लिये युद्ध के मोर्चे पर जाने से कम नहीं है और परिषद का कार्यकर्ता इस युद्ध को हंसी-हंसी जाने को तैयार हैं।
राष्ट्रीय मंत्री ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि केरल में लाल आतंक के विरोध में रैली निकालने के लिये 30-31 अगस्त को आगरा में आयोजित केन्द्रीय कार्यसमिति और 29-31 मई को लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय कार्यपरिषद की बैठक मेंं ही प्रस्ताव पारित हो गया था। रैली में पूरे उत्तर प्रदेश से लगभग तीन हजार कार्यकर्ता सहभाग करेंगे।
इस आंदोलन से छात्र-छात्रओं को जोड़ने के लिये 5 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक दीवार लेखन, संगोष्ठी, कार्यशालाएं व प्रेस वार्ता आयोजित किया जायेगा। वहीं इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिये पंपलेट, स्टीकर, पोस्टर व दीवाल लेखन करके व्यापक स्तर पर जनजागरण करने की योजना है। बताया कि शैक्षिक परिसरों, कोचिंग संस्थानों में केरल हिंसा के खिलाफ व रैली के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक रैली को धारदार बनाने के लिये सोशल मीडिया में छोटे-छोटे वीडियो को भी शेयर किया जा रहा है, ताकि लोगों की भावनाए केरल हिंसा को लेकर जगे और वे मुहिम में भागीदारी बनकर रैली को सफल बनायें।
उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को ले जाने के लिये ट्रेन में आरक्षण कराया गया है ताकि रेलवे और आम यात्रियों को कोई परेशानी न हो। रैली में जाने वाले छात्रों को टोलियों में बांटने की योजना बनायी गयी है। सुरक्षा व निगरानी के लिये प्रत्येक टोली में दो जिम्मदार कार्यकर्ताओं को संरक्षक तय किये जायेंगे।
पांडेय ने बताया कि रैली को अनुशासित बनाने के लिये प्रत्येक प्रांत में रैली प्रांत प्रमुख व सह प्रमुख तय किये गये हैं। इनका कार्य रैली यात्रा के दौरान संबंधित प्रांतों की यातायात, खानपान एवं संगठनात्मक सूचनाओं को केरल स्थित कार्यालय पर पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के अलावा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जायेंगे। इस ऐतिहासिक रैली को सफल बनाने के लिये पूरे उत्तर प्रदेश में जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।