कोलकाता, (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वे राजनैतिक कैदियों को छोड़ देंगी। आरोप है कि मुख्यमंत्री इसे कर दिखाने में असफल रहीं। मुख्यमंत्री के झाड़ग्राम सफर पर कटाक्ष करते हुए गणतांत्रिक रक्षा समिति के सदस्य रंजीत शूर ने एक बार फिर इस मांग को उठाया। उन्होंने कहा कि छत्रधर माहात, सागुण मुर्मू, मुखशान्ति बास्को, शम्भू सरेन सहित कई कैदियों के रिहाई की जाए। रंजीत ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि मुख्यमंत्री ममता देवी झाड़ग्राम की सफर कर रहीं है।
इस बीच उन्हें उनके वादे याद दिला दूं कि वे छत्रधर माहात, सागुण मुर्मू, मुखशान्ति बास्को, शम्भू सरेन की रिहाई होनी चाहिए।“ उनके इस पोस्ट पर अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग राय दिए हैं। कई लोगों ने समर्थन किया तो कई लोगों ने विरोध भी किया। मालीनाथ गंगोपाध्याय नामक एक व्यक्ति ने फेसबुक पर जवाब दिया –“रंजीत की बातों को न माने तो ही अच्छा होगा क्योंकि इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचेगी। नहीं तो हमलोग दावा करें कि चुनाव के आश्वासन के अनुसार सभी राजनैतिक कैदियों कि रिहाई हो नहीं तो अपने पद से इस्तीफा दें।“
कई राजनैतिक कारणों से हांसदा, शम्भू सरेन, छत्रधर माहात, आजम शेख, इद्रिस शेख, गौर चक्रवर्ती, सीमा सरकार सहित कई राजनैतिक व्यक्ति राज्य के विभिन्न जेल में बन्द किए गए हैं। बन्दीमुक्ति कमिटि के ‘संवाद बुलेटिन’ के जनवरी, 2013 संख्या में प्रकाशित एक सूची के अनुसार पूरे राज्य में 176 लोगों को राजनैतिक कारणों से बन्द किया गया है। बन्दीमुक्ति कमिटि का दावा है कि इन कैदियों की यह तालिका अधूरी है इसके बाहर की राजनैतिक कैदी हैं।