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चीन की नई ट्रैवल एडवाइजरी से बौद्ध सर्किट का पर्यटन प्रभावित
By Deshwani | Publish Date: 10/10/2017 3:42:12 PMकुशीनगर, (हि.स.)। डोकलाम विवाद को लेकर तनावपूर्ण स्थिति समाप्त होने के बाद चीन ने एक बार नई चाल चली है। चीन द्वारा जहां एक बार फिर सड़क निर्माण का कार्य शुरु करने से लेकर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात करने की खबर है, वहीं उसने एक बार फिर अपने देश के नागरिकों को भारत न जाने की सलाह दी है। विशेषकर हिमाचल के धर्मशाला को लेकर चीन का सख्त रुख सामने आया है। ड्रैगन ने अपने देश में कारोबार कर रही टूर ट्रैवल्स एजेंसियों को नई एडवाइजरी जारी कर ताकीद की है। यह एडवाइजरी दिसम्बर तक प्रभावी रहेगी। जिसके चलते भारतीय बौद्ध सर्किट का पर्यटन कारोबार प्रभावित हो गया है।
ऐसे में डोकलाम विवाद की हल होते खबरों के बाद चीनी सैलानियों की रफ़्तार पकड़ती बुकिंग फिर रद्द होनी शुरू हो गई है। इस स्थिति से पर्यटन कारोबार को घाटा उठाना पड़ रहा है। दरअसल बौद्ध सर्किट में आने वाले विदेशी सैलानियों की सबसे बड़ी संख्या थाईलैंड के सैलानियों की है। कारोबार की दृष्टि से दूसरा नम्बर चीन के सैलानियों को माना जाता है। बीते साल थाईलैंड के महराज की मृत्यु के चलते थाई सैलानी कम आये। अभी भी थाई सैलानी शोक के चलते रफ़्तार में नहीं आ रहे। इसी बीच चीन से सीमा विवाद का मामला गरम हो गया। यानी एक साथ चीन व थाईलैंड के सैलानियों की संख्या प्रभावित होने से पर्यटन उद्योग की कमर टूट रही है।
बौद्ध सर्किट का बोधगया, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, सारनाथ चीन और थाई सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है। एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन भी शुरू हो गया है जो 31 मार्च को समाप्त हो जायेगा। ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग चिंतित है। कुछ साल पहले चीन से कारोबार कर रहे हीरो टूर एन्ड ट्रैवल्स के निदेशक सुरेन्द्र कुमार ने अब ताईवान से कारोबार शुरू कर दिया है। सुरेन्द्र ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि चीन के कुछ सीनियर सिटीजन ही भारत आ पा रहे। चीन का एजेंसियों पर होल्ड है। यदि भारत से वीजा जारी भी हो रहा तो एजेंसियां प्रक्रिया से नहीं जुड़ती। एक प्रमुख होटल के एजीएम आरएम गुप्ता ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस साल पर्यटन उद्योग फीका ही रहेगा। क्योंकि चीन, थाई और जापान के सैलानी पर्यटन पर बड़ा बजट रखते है। बौद्ध सर्किट का पर्यटन कारोबार इन्हीं पर ज्यादा निर्भर है।