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पतियों की लम्बी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा करवाचौथ व्रत
By Deshwani | Publish Date: 8/10/2017 2:18:13 PM वाराणसी, (हि.स.)। सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु व सुख समृद्धि की कामना को लेकर रविवार को पूरे दिन उत्साह के साथ निर्जला करवा चौथ का व्रत रखा। शाम को घर परिवार की बुजुर्ग महिलाओं या गांव कालोनी के महिलाओं के साथ विधि विधान से पूजन अर्चन कर करवा चौथ की कथा सुनेगी। फिर चन्द्रोदय होने पर परम्परानुसार चलनी के ओट से देख व्रत का पारण पति या परिवार की बुर्जुग महिला के हाथों पानी पीकर करेंगी।
इसके पूर्व सुबह नित्य क्रिया स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लेकर सोलहों श्रृंगार रचाया नये वस्त्र धारण कर पूरे दिन निर्जला व्रत रखा। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उनका उत्साह बढ़ा सहयोग किया। शाम को विधि विधान से करवा पूजा कर कथा सुनेगी। पति और बच्चों की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय, चंद्रमा से की। इसके पूर्व मिट्टी के पात्र में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री, जैसे- सिंदूर, चूडिय़ां, शीशा, कंघी, रिबन और रुपया रखकर व्रती महिलाओ ने अपनी सास के पांव छूकर उन्हें दिया।
गौरतलब हो कि करवाचौथ के व्रत की शुरूआत महाभारत काल माना जाता है। इसी व्रत के प्रभाव से पाण्डव विजयी हुए। द्रौपदी का सौभाग्य सुरक्षित रहा। सर्वप्रथम इस व्रत को श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को बताया था। महाभारत काल में एकबार अजरुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गए। द्रौपदी ने सोचा कि यहां हर समय जीव-जंतु सहित विघ्न-बाधाएं रहती हैं। उसके शमन के लिए अजरुन तो यहां नहीं हैं। यह सोचकर द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया और अपने कष्टों का निवारण पूछा। उन्होंने करवाचौथ के बारे द्रौपदी को बताया था ।