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फौजी की शहादत के साल भर बाद नहीं मिली मदद
By Deshwani | Publish Date: 8/10/2017 1:54:29 PM
फौजी की शहादत के साल भर बाद नहीं मिली मदद

 हमीरपुर, (हि.स.)। यूपी के हमीरपुर जिले में जहां करवाचौथ की धूम हर जगह मची हुयी है वहीं शहीद के घर पर सन्नाटा पसरा हैै। आज के ही दिन असम के सिलीगुड़ी में शहीद तीन माहर रेजीमेंट के हवलदार नरेश कुमार पाल का अंतिम संस्कार किया गया था। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को बुलवाने की मांग को लेकर परिजनों ने घंटों तक विरोध किया था। शहीद के बच्चे पापा की इस बात से मायूस है कि दीपावली के पटाखे लेकर घर आयेंगे। पापा तो झूठे निकले।

 
हमीरपुर के गहरौली खुर्द गांव का नरेश कुमार पाल असम के सिलीगुड़ी में तीन माहर रेजीमेंट का हवलदार के पद पर देश की सेवा कर रहा था। बीते साल करवाचौथ त्यौहार से चार दिन पूर्व एक हादसे में वह शहीद हो गये थे। बताते है कि उनका शव विशेष वाहन से यहां लाया गया था। पैतृक गांव गहरौलीखुर्द में शहीद का चिता करवाचौथ के दिन ही सजायी गयी थी। सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ था। बताते है कि शहीद की चिता को मुखाग्नि उसके मासूम पुत्र उत्कर्ष ने दी थी। अंतिम संस्कार के दौरान बाहर से आये सैन्य अफसर भी रोये थे। बताते है कि केन्द्र सरकार की राज्यमंत्री साध्वीं निरंजन ज्योति एवं कांग्रेस के पदाधिकारियों और मौजूद हजारों लोगों की भी आंखें भर आई थी। फौजी की शहादत से पूरे गांव में करवाचौथ नही मनाया गया था। दो दिनों तक गहरौलीखुर्द गांव में लोगों के घरों में चूल्हे भी नही जले थे। 
 
परिजनों ने की थी सीएम को बुलाने की मांग
बताते है कि शहीद को सम्मान देने के लिये हमीरपुर के तत्कालीन डीएम उदयवीर सिंह यादव व एसपी गांव नहीं पहुंचे तो परिजन भड़क गये थे। मौके पर पहुंचे डीएम को देख परिजन सीएम को बुलाये जाने की जिद पर अड़ गये थे। बाद में डीएम ने सीएम से फोन पर बातें की थी। 
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