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सपा अधिवेशन: राजनैतिक और आर्थिक प्रस्तावों के जरिये भाजपा पर निशाना
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2017 4:23:57 PM
सपा अधिवेशन: राजनैतिक और आर्थिक प्रस्तावों के जरिये भाजपा पर निशाना

आगरा, (हि.स.)। सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी ने राजनैतिक और आर्थिक प्रस्तावों के माध्यम से केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर जमकर निशाना साधा। प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान पार्टी नेताओं ने लोकसभा और नगर निकाय चुनावों को लेकर भी मंथन किया।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव ने अधिवेशन में राजनैतिक और आर्थिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को देश और समाज के लिए अहितकर बताया। 
प्रो0 यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से खूब झूठ बोला। बड़े-बड़े वादे किये और जब सरकार बन गई तो सारे वादे भूल गये। नोटबंदी और जीएसटी को उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा घातक बताया। कहा कि केंद्र सरकार के इन दोनों फैसलों के चलते देश का व्यापारी और नौकरी पेशे वाले सभी परेशान हैं। किसान तो आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है। 
मोदी सरकार की विदेश नीति की चर्चा करते हुए प्रो0 रामगोपाल ने कहा कि किसी भी देश की विदेश नीति तब सफल मानी जाती है जब उस देश का अपने पड़ोसी देशों से अच्छा संबंध होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते आज किसी भी पड़ोसी देश से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं। 
प्रदेश की योगी सरकार पर प्रहार करते हुए प्रोफेसर ने कहा िकइस सरकार ने तो पिछले छह माह में कोई कार्य ही नहीं किया। आरोप लगाया कि योगी सरकार में प्रदेश के अपराध में 40 फीसदी इजाफा हुआ है। 
प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मो0 आजम खां, किरणमय नंदा समेत अन्य नेताओं ने भी केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर रखा। 
अखिलेश यादव ने भी अपने समापन संबोधन में नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। कहा कि नोटबंदी ने देश में बड़ा संकट खड़ा कर दिया। दुनिया के बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों ने भी इसे धोखा कहा है। 
पूर्व में अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का राष्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव ने औपचारिक ऐलान किया। 
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अखिलेश के नाम पर बुधवार को ही मुहर लगा दी थी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा आज की गई।
अधिवेशन में सपा के संबिधान में भी संशोधन किया गया। प्रो0 रामगोपाल यादव ने बताया कि पार्टी के नये संविधान के तहत अब अध्यक्ष समेत राज्य और जिला स्तरीय कार्यकारिणी का कार्यकाल अब पांच साल का होगा। नये संविधान के तहत अब सपा में चिकित्सक प्रकोष्ठ का भी गठन किया जायेगा।
पार्टी का दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया। 
अधिवेशन में प्रो0 रामगोपाल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता मो0 आजम खां, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चैधरी, जया बच्चन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। 
जिस समय अखिलेश के दोबारा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा हुई, अधिवेशन में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव उपस्थित नहीं थे। हालांकि अखिलेश ने अपने संबोधन में कहा कि नेताजी यानि मुलायम ने उन्हें फोन कर अपना आशीर्वाद दिया है।
गौरतलब है कि वर्चस्व को लेकर मुलायम कुनबे में पिछले करीब 15 महीने से विवाद चल रहा है। विधानसभा चुनाव के पहले यह विवाद अपने चरम पर था। उस दौरान पहली जनवरी को अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर स्वयं को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करा लिया था और मुलायम सिंह यादव को उनकी अनुपस्थिति में पार्टी का संरक्षक बनाया था। 
 
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