इतिहास व पुरातत्व के उद्भट विद्वान थे डॉ. हीरालाल: मेजर जनरल गुप्ता
जबलपुर, (हि.स.)। इन्टैक नई दिल्ली के अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) एलके गुप्ता ने कहा कि रायबहादुर डॉ हीरालाल इतिहास, पुरातत्व तथा नृतत्वशास्त्र के अद्वितीय विद्वान थे। इन क्षेत्रों में उनका अप्रतिम योगदान रहा है। उन्होंने यह विचार रविवार शाम को कल्चुरि होटल में आयोजित रायबहादुर डॉ हीरालाल के 150वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि डॉ हीरालाल एक प्रशासक थे। तथापि उनका अकादमिक योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। शिलालेखों पर रायबहादुर के काम को अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त हुई। उन्होंने कई शोध-ग्रंथ लिखे जो आज तक इतिहास के विद्वानों और शोधार्थियों के मार्गदर्शन की दृष्टि से महत्वपूर्ण और उपादेय बने हुए हैं। उन्होंने डॉ हीरालाल के 150वें जयंती समारोह के आयोजन के लिए इन्टैक जबलपुर चैप्टर को बधाई दी। साथ ही डॉ हीरालाल द्वारा लिखित ग्रंथों के संकलन एवं पुनप्र्रकाशन की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की भी सराहना की। इस सिलसिले में उन्होंने इन्टैक जबलपुर चैप्टर के संयोजक डॉ आर.के. शर्मा तथा समारोह समिति की सचिव प्रो. छाया राय की भूमिका को प्रशंसनीय बताया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक खांडेकर ने कहा कि रायबहादुर डॉ हीरालाल जबलपुर में रहे, यह तथ्य शहर के लिए गौरव की बात है। ऐसे ही व्यक्तित्वों के अवदान के चलते जबलपुर संस्कारधानी के रूप में विख्यात हुआ। खाण्डेकर ने संयोजक डॉ आर.के. शर्मा की इन्टैक के लिए प्रतिबद्धता, कर्मठता और ऊर्जा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जबलपुर और इन्टैक से उनका व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक जुड़ाव है। इस मौके पर कमिश्नर एवं इन्टैक जबलपुर के अध्यक्ष गुलशन बामरा भी मौजूद थे।
भारतीय पुरातत्व परिषद् नई दिल्ली के सचिव डॉ के.एन. दीक्षित ने कहा कि प्राचीन भारतीय सभ्यता पर कार्य करने वाला कोई भी अध्येता रायबहादुर डॉ हीरालाल के नाम से अपरिचित नहीं है। डॉ हीरालाल को इतिहास से जुड़े सभी पहलुओं का विशद् ज्ञान था। भारतीय पुरातत्व परिषद् द्वारा रायबहादुर की स्मृति में बीते तीन वर्षों से व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। अपने विद्वतापूर्ण व्याख्यान में डॉ दीक्षित ने सरस्वती सभ्यता के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर पूर्व में व्याप्त रही भ्रांतियों का भी जिक्र किया।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि मेजर जनरल गुप्ता तथा अन्य अतिथियों ने रायबहादुर डॉ हीरालाल के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर सरस्वती वंदना भी प्रस्तुत की गई। इन्टैक जबलपुर के संयोजक डॉ आर.के.शर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि डॉ हीरालाल के कार्यों की महत्ता हमें याद रखनी होगी तभी आने वाली पीढ़ी उनके महत्वपूर्ण अवदान बारे में जागरूक होगी। इन्टैक जबलपुर ने उनके सम्पूर्ण साहित्य के पुन:प्रकाशन का निर्णय लिया है। प्रो. छाया राय ने उनके दादाजी डॉ हीरालाल की धरोहर सुरक्षित रखने के प्रयासों का ब्यौरा साझा किया। उन्होंने इतिहास के अवगाहन के क्षेत्र में रायबहादुर द्वारा दिए गए अद्वितीय योगदान का उल्लेख करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।