कानपुर, (हि.स.)। कल्याणपुर इलाके में विजय दशमी पर निकलने वाली भगवान राम की झांकी व मोहर्रम के ताजिया जुलूस को निकालने को लेकर उपजे दो समुदायों के बवाल को काबू करना पुलिस को भारी पड़ गया। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिये सीओ व इंसपेक्टर कल्याणपुर द्वारा बल प्रयोग किये जाने के चलते उन्हें निलम्बित कर दिया गया। इसके साथ ही डीएम ने इस उपद्रव की जांच के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए है। जनपद में इस तरह की जिन-जिन थाना इलाकों में घटनाएं हुई हैं, वहां पर पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही होना तय है।
बताते चलें कि, जिले के कल्याणपुर इलाके में मोहर्रम के जुलूस निकालने के दौरान रावतपुर के मसवानपुर मोहल्ले में शनिवार को दो समुदाय आमने सामने आ गए थे। बवाल की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुच गया और स्थिति को संभाल लिया। रविवार को विजय दशमी के बाद निकली गई भगवान राम की झांकी रामलला मंदिर से निकाली गई। झांकी अभी कुछ ही दूर पहुची थी कि सामने से मोहर्रम के चलते निकल रही ताजिये का जुलूस आ गया। दोनों समुदायों में एक दिन पूर्व हुए तनाव के चलते दोनों तरफ से जुटे लोगों में पीछे न हटने व रास्ता न देने को लेकर ठन गई। देखते देखते दोनों तरफ के लोग भीड़ गए। तनाव चलते पहले से मौजूद भारी पुलिस बल ने पहले तो सभी को समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर सीओ रजनीश वर्मा, इंस्पेक्टर बीपी सिंह ने फोर्स के लाठी पटक कर भीड़ को खदेड़ दिया। इस दौरान कुछ लोग रामलला मंदिर में घुस गए। आरोप है कि पुलिस ने मंदिर में घुसे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें दर्जनभर भाजपाई चोटिल हो गए। वहीं दूसरी ओर से भी कई लोग बल प्रयोग के चलते घायल हो गए।
इस बीच पहले से ही जूही के परमपुरवा इलाके में बवालियों को काबू करने में जुटे जिला व पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी रावतपुर में भड़की तनावपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही तुरन्त वहां पहुचे। यहां पर एसीएम, सीओ सर्किल फोर्स के साथ उपद्रवियों से घिरने के बावजूद उन्हें काबू करने की कड़ी मशक्कत करते देख डीआईजी सोनिया सिंह ने माइक के जरिये चेतावनी देते हुए सख्त कार्यवाही करने की बात कही। आलाधिकारियों ने इलाके में उपद्रवियों को चिन्हित कर घरों में सर्च ऑपरेशन करने को वार्निंग दी, जिसके बाद मामला शांत हुआ। अधिकारियों ने इलाके में तनाव के मद्देनजर धारा 144 के साथ अघोषित कर्फ्यू लगा दिया है और हालात को तेजी से सामान्य करने में जुट गए हैं।
इस बीच डीआईजी से भाजपाइयों ने सीओ व इंस्पेक्टर द्वारा लाठीचार्ज को पक्षपातपूर्ण कार्यवाही बताते हुए शिकायत की। जबकि सीओ व थाना पुलिस पर उपद्रवियों ने पथराव किया। इसके साथ ही कुछ शरारतीतत्वों ने मामला भड़काने के लिये फायरिंग तक कि गई, जिसे बड़ी ही सूझबूझ से सीओ के नेतृत्व में सर्किल फोर्स ने जान जोखिम में डाल कर हालात को काबू करने में जुटे रहें। हालांकि मामला शांत होने पर देर रात कल्याणपुर सीओ सर्किल रजनीश वर्मा व इंस्पेक्टर बीपी सिंह को डीआईजी सोनिया सिंह ने निलम्बित कर दिया।
इस प्रकरण में डीएम सुरेंद्र सिंह ने गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने एडीएम एफ/आर को जांच अधिकारी बनाते हुए तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
बताते चलें कि, जनपद में दशहरा, विजयादशमी, मोहर्रम के त्योहारों में पुलिस की रणनीति पूरी तरह से फेल रही। इसके साथ ही खुफिया व एलआईयू तंत्र की मानीटरिंग बेहद दोयम दर्जे की रही। जिसके चलते ही त्योहारों के दौरान पिछले तीन से चार दिनों से अलग-अलग इलाकों में जुलूस, विसर्जन व विजयादशमी पर दो समुदायों के बीच कई बार बवाल हुआ या टकराव की स्थिति बनी। सूत्रों की माने तो जिले में हुई ऐसी घटनाओं का लखनऊ में शासन स्तर पर संज्ञान ले लिया गया है। जल्द ही जनपद में जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों को इस चूक का खामियाजा कार्यवाही के रूप में भुगतना पड़ सकता है।