वाराणसी, (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 92वें स्थापना दिवस विजयदशमी पर्व पर शनिवार को अनुशासित स्वयंसेवकों ने दंड सहित गणवेश में कदमताल करते हुए शानदार पथ संचलन किया । पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों को पथ संचलन करते देख सड़क के किनारे राहगीरों की भीड़ बरबस ही ठहर जा रही थी। बीच रास्ते में पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवको पर पुष्प भी लोग फेंक कर उनका उत्साह बढ़ाते रहे।
इसके पूर्व संघ के 12 नगर की अगुवाई में अलग-अलग जगहों पर स्वयंसेवक गणवेश में दण्ड के साथ जुटने लगे । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम तथा संघ के संस्थापक प्रथम सरसंघचालक डॉ॰ केशवराव बलिरामराव हेडगेवार द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरु जी के चित्र पर माल्यार्पण के बाद भगवाध्वजारोहण शस्त्र पूजा उद्बोधन के बाद संघगीत तत्पश्चात प्रार्थना हुई। इसी क्रम में भारतेन्दु नगर,चेतसिंह नगर में पथ संचलन आयोजित किया गया।
भारतेन्दु नगर की ओर से टाउनहाल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम तथा संघ के संस्थापक प्रथम सरसंघ चालक डॉ॰ केशवराव बलिरामराव हेडगेवार द्वितीय सरसंघ चालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरु जी के चित्र पर माल्यार्पण के बाद संघ चालक भरत ने भगवा ध्वजा रोहण शस्त्र पूजा किया। ध्वजप्रणाम, संघगीत के बाद नगर कार्यवाह भारतेन्दु नगर मान के अगुवाई में पथ संचलन शुरू हुआ। जिसमें उत्साह से भरे संघ के स्वयंसेवक अनुशासित कदमों के साथ सड़कों पर कदम ताल करते हुए उतरे।
आगे-आगे ड्रम और नगाड़ा बजाते अनुशासित युवा वरिष्ठ और बाल स्वयंसेवकों की कतार थी। पथ संचलन टाउनहाल मैदागिन की परिक्रमा कर विश्वेश्वरगंज, दारानगर, डीएवी, लोहटिया होते हुए वापस टाउनहाल तक हुआ।
विश्व के सबसे बड़े सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का गठन 92 साल पहले 1925 में विजयादशमी के दिन हुआ था। संघ के लम्बे स्थापना काल में पिछले वर्ष स्वयंसेवकों के गणवेश में बदलाव हुआ था। स्वयं सेवकों ने खाकी हाफपैंट की जगह फुलपैंट पहन पथसंचलन में हिस्सेदारी की थी।