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सुलखान सिंह के विदाई समारोह का हुआ भव्य आयोजन
By Deshwani | Publish Date: 29/9/2017 11:29:07 AM लखनऊ, (हि.स.)। लखनऊ के पुलिस लाइन मैदान में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह के रैतिक परेड के साथ ही उनके विदाई समारोह का भव्य आयोजन हुआ। यूपी पुलिस के सैकड़ों जवान पुलिस महानिदेशक के साथ रैतिक परेड में शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह 30 सितम्बर को सेवानिवृत हो रहे है। इसके एक दिन पहले शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन के मैदान में सुबह के समय उनकी विदाई का समारोह यूपी पुलिस की ओर से रखा गया। इस अवसर पर सुलखान सिंह का यूपी पुलिस के ऊर्जावान व अनुशासित जवानों के साथ रैतिक परेड हुआ और जवानों ने अपने अधिकारी को एक साथ सलूट दे कर सम्मान दिया। विदाई समारोह में पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने अपने मन की बात सभी अधिकारियों, जवानो व प्रमुख लोगों के बीच में रखा। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य रहा कि उन्हें यूपी पुलिस में काम करने का मौका मिला। यूपी पुलिस जैसी पुलिस कहीं नही है। 1990-93 तक जैसे आतंकवाद का समय रहा, उस समय यूपी पुलिस ने उनके ज्वार को वापस भेज दिया। कई बार कठिन दौर में यूपी पुलिस डटकर अपना काम करती रही। मुझे ऐसे फोर्स का मुखिया बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, मैं बहुत भाग्यशाली रहा। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यूपी पुलिस का इतिहास गौरवशाली रहा है। हर विधा में अपनी पुलिस ने देश को रास्ता दिखाती रही है। केन्द्रीय बल व सीबीआई से हमारी पुलिस प्रेरित है।
सुलखान सिंह ने कहा कि बिना सहयोगियों के सहयोग के कोई अधिकारी कामयाब नही होता है। मुझे भी मेरे सहयोगियों का पूरा सहयोग मिलता रहा और इससे मुझे अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ। इस समय यूपी पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पूरे महकमे का मनोबल ऊंचा है। प्रदेश में अपराध कम हुआ है और अपराधी मारे जा रहे है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस में काम करने वाले अधिकारियों को यह मनोबल बनाकर रखना है। परिस्थितियों में डटकर सामना करना है और कड़े निर्णय ले कर यूपी पुलिस को आगे बनाये रखना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह को नियुक्त किया था। सुलखान सिंह सन् 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बांदा जिले के रहने वाले सुलखान सिंह ने अपने पुलिस महानिदेशक कार्यकाल में रहते हुए दो बार अपने गृह जनपद में प्रवास किया। उनके सेवानिवृति की तिथि 30 सितम्बर को दशहरा पड़ने के कारण यूपी पुलिस ने एक दिन पहले ही उनका विदाई समारोह रखा।