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शुक्रवार महानवमी, शारदीय की अन्तिम रात
By Deshwani | Publish Date: 29/9/2017 10:58:05 AM कोलकाता, (हि.स.)। शुक्रवार महानवमी है। सबके प्रिय पर्व दुर्गापूजा की अन्तिम रात है। सभी दर्शनार्थी चाह रहे हैं कि मां दुर्गा न जाए। महानवमी पूजन का बड़ा ही महत्व है। नवमी के दिन मां दुर्गा के चामुण्डा रूप की पूजा की जाती है। चामुण्डा यानि मुण्ड का विनाश करने वाली। मां दुर्गा के यह दिन स्मरणीय है। इस दिन मां दुर्गा के आशिर्वाद से ही श्रीरामचन्द्र ने रावण का वध किया था।
नवमी की कल्याणप्रद, शुभ बेला श्रद्धालु भक्तजनों को मनोवांछित फल देकर नव दिनों तक लगातार चलने वाले व्रत व पूजन महोत्सव के सम्पन्न होने के संकेत देती है। मां दुर्गा की आराधना से व्यक्ति एक सद्गृहस्थ जीवन के अनेक शुभ लक्षणों धन, ऐश्वर्य, पत्नी, पुत्र, पौत्र व स्वास्थ्य से युक्त हो जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष को भी सहज ही प्राप्त कर लेता है। इतना ही नहीं बीमारी, महामारी, बाढ़, सूखा, प्राकृतिक उपद्रव व शत्रु से घिरे हुए किसी राज्य, देश व सम्पूर्ण विश्व के लिए भी मां भगवती की आराधना परम कल्याणकारी है। दशमी के दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा करके प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।