वाराणसी, (हि.स.)। महामना की ज्ञान शील की बगिया कथित छात्रा आन्दोलन की आग से झुलस रही है। पुलिस सूत्रों ने मानें तो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(काहिवि) को हिंसक और सुलगता बनाने के पीछे साजिश का षडयंत्र है। बीएचयू सूत्रों की मानें तो इसकी छवि धुमिल करने के लिए कुछ ताकतें पिछले कुछ महिनों से खासी सक्रिय हैं।
बीएचयू परिसर के चौराहों पर आम चर्चा है कि इस आन्दोलन के पीछे प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास है। इसके पीछे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी तथा वामपंथी ताकतों के कुछ कद्दावर लोगों का शह की संभावना जतायी जा रही हैं।
विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों व शोधार्थियों का कहना है कि इस आन्दोलन के आग में घी डालने का काम विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति प्रो.जी.सी.त्रिपाठी की संवादहीनता व हेठी भी जिम्मेदार है। पिछले चार दिनों से छेड़खानी के विरोध में भारी संख्या में छात्राएं सड़क पर रात दिन आन्दोलन कर रही थीं। विवि प्रशासन मौन तमाशा देख रहा था। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्यपाल रामनाईक समेत सभी प्रशासनिक आलाधिकारी 22 व 23 सितम्बर को वाराणसी में डटे रहे। इन आन्दोलत छात्राओं को विश्वविद्यालय प्रशासन ने खत्म कराने के बजाय उग्र आन्दोलन करने का मौका दिया, जिसे आन्दोलनत छात्राओं से संवादहीनता का लाभ केन्द्र सरकार विरोधी ताकतों ने लपक लिया।
इस पूरे हिंसक आन्दोलन में पीड़ित छात्रा का गैरहाजिर होना तथा कथित छात्रा द्वारा बिन कारणों से सिर मुड़ाना बाद में छेड़खानी का विरोध बताना भी अहम है। इस छात्रा को मोहरा बनाकर वामपंथ और समाजवाद से जुड़ी ताकतों ने अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में जुटे रहे।
राजनीतिक विश्लेषक व विश्वविद्यालय के प्रो.कौशल किशोर मिश्र ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक मुद्दा बनाया गया। इस मुद्दे को अभी से विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव 2019 में भुनाने में जुटती हुईं दिख रही हैं। इन पाटियों द्वारा भाजपा का खेल बिगाड़ने की पूरी कोशिश होगी। इसका संकेत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दे दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिये कहा है कि योगी सरकार को बल से नहीं बातचीत से हल निकालना चाहिए। बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय हैं। विवि प्रशासन को दोषियों पर कार्रवाई करना चाहिए। उधर कांग्रेस और वामपंथ तथा आम आदमी पार्टी भी पूरे प्रकरण को गरमाने और छात्राओं को न्याय दिलाने के नाम पर सड़क पर उतरने के लिए तैयार है।