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पोबितरा अभ्यारण्य का 85 फीसद हिस्सा जलमग्न, सुविधाओं का अभाव
By Deshwani | Publish Date: 16/8/2017 4:54:33 PM
पोबितरा अभ्यारण्य का 85 फीसद हिस्सा जलमग्न, सुविधाओं का अभाव

मोरीगांव, (हि.स.)। मध्य असम के मोरीगांव जिले में स्थित क्षेत्रफल के अनुसार सबसे अधिक विश्व प्रसिद्ध एक सींग वाले गैंडों का आवास स्थल पोबितरा अभ्यारण्य का 85 फीसद हिस्सा जलमग्न है। हालांकि बीते कल से बुधवार की स्थिति में थोड़ा सुधार होता दिखाई दे रहा है। लगभग 05 फीसद हिस्से से पानी उतरा है। बावजूद इसके अभी भी हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं।

इस अभ्यारण्य में देशी व विदेशी पर्यटकों की काफी आवग होती है। इस लिहाज से जो सुविधाएं यहां पर होनी चाहिए, उसमें काफी कमी है। बाढ़ के दौरान जंगली जीवों के शिकार का सबसे अधिक खतरा होता है। ऐसे में निगरानी के लिए बाढ़ के समय मशीनयुक्त बोट की आवश्यकता होती है, लेकिन पिछले दो वर्षों से अभ्यारण्य प्रबंधन के पास अपनी एक भी बोट नहीं है।
पोबितरा वाइल्डलाइफ सेंचुरी राजधानी गुवाहाटी के पूर्व में लगभग 30 किमी की दूरी पर मोरीगांव जिले में स्थित है। रोड मार्ग से दूरी 48 किमी है। पोबितरा में ब्रह्मपुत्र नद का पानी बाढ़ के समय प्रवेश करता है। इसका क्षेत्रफल 38.8 किमी है। पोबितरा का चिह्नित क्षेत्रफल 38.80 स्क्वायर किमी है। लगभग 16 स्क्वायर किमी क्षेत्रफल गैंडों का आवास्थल है। पोबितरा को वर्ष 1971 में संरक्षित वनांचल के रूप में दर्जा मिला, जबकि 1987 में इसे वाइल्डलाइफ सेंचुरी के रूप में घोषित किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह अभ्यारण्य एक सींग वाले गैंडे, जंगली भैंस व जंगली सुअर के साथ ही सैकड़ों प्रकार की पक्षीओं का आवास स्थल है। अभ्यारण्य की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने कुल 22 कैंप बनाए हैं। वहीं बाढ़ के समय पशुओं को आश्रय मुहैया कराने के लिए कुल 08 हाईलैंड बनाए गए हैं। इसके अलावा लगभग 02 किमी लंबी हाईलैंड सह सड़क बनाई गई है, जिस पर बाढ़ के दौरान गैंडे, जंगली भैंस और जंगली सुअर आश्रय लेते हैं। हालांकि एक बात इस अभ्यारण्य की अच्छी है कि हाईलैंडों की वजह से गत कई वर्षों में पोबितरा अभ्यारण्य में एक भी जंगली जानवरों की मौत नहीं हुई है।
असम में आई दूसरी बाढ़ में पोबितरा का बुधवार तक 85 फीसद हिस्सा जलमग्न है। ऐसे में जानवरों की निगरानी के लिए वन विभाग द्वारा बनाए गए 22 कैंपों में से 17 पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। जबकि तीन कैंपों के वन सुरक्षाकर्मियों को दूसरे स्थानों पर सिफ्ट किया गया है। इस अभ्यारण्य को लेकर असम सरकार के वन विभाग का रवैया इस मामले में उदासीन ही कहा जाएगा। क्योंकि भारी संख्या में मौजूद जानवरों की निगरानी और उनको शिकारियों से बचाने के लिए बाढ़ के समय मशीनकृत बोट की आवश्यकता होती है। लेकिन पिछले दो वर्षों से यहां पर एक भी इस तरह के बोट नहीं है। 
असम वन विभाग को लगातार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई है। पोबितरा अभ्यारण्य के सूत्रों ने बताया है कि प्रत्येक वर्ष जब बाढ़ आती है तो जानवरों की निगरानी के लिए दो मशीनकृत बोट किराए पर मंगाई जाती है। इस वर्ष पहली बार जब बाढ़ आई थी तो पोबितरा प्रबंधन ने वन विभाग को अवगत कराया, जवाब में कहा गया कि जल्द ही बोट मुहैया कराया जाएगा, लेकिन दूसरी बार फिर से लगभग पूरा पोबितरा अभ्यारण्य बाढ़ में घिर गया, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। फिर से दो बोट किराए पर मंगाई गयी है।
ज्ञात हो कि पोबितरा राजधानी गुवाहाटी से काफी नजदीक है, जिसके चलते यहां पर पर्यटकों की संख्या भी काफी में पहुंचती है। ऐसे में यहां पर सुविधाओं की कमी पर्यटन के लिहाज से बेहद निराशाजनक है। राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार पर्यटन को लेकर काफी काम कर रही है। विश्व स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए असम सरकार ने बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को बनाया गया है। ऐसे में असम में पर्यटकों को लुभाने के लिए अभ्यारण्यों की सुविधाओं में इजाफा करना आवश्यक है।
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