ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
मुख्यमंत्री ने ''दिल से'' की किसानों से मन की बात
By Deshwani | Publish Date: 14/8/2017 12:05:22 PM
मुख्यमंत्री ने ''दिल से'' की किसानों से मन की बात

भोपाल, (हि.स)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम को आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रम ‘दिल से’ में किसानों से दिल खोलकर अपने मन की बातें कीं। उन्होंने कहा कि मुख्ममंत्री भावांतर भुगतान योजना, कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना, किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना लागू की जाएगी। उन्होंने डिफॉल्टर किसानों के लिए समाधान योजना और मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना लागू किए जाने की जानकारी दी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरण निराकृत हो जाएंगे। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने प्रकरण की जानकारी देने वाला पुरस्कृत होगा! संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई होगी। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि भावांतर योजना के द्वारा किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। इस योजना में फसल गिरदावरी मोबाइल एप के माध्यम से प्राप्त संपूर्ण डाटा संकलित किया जाएगा। इससे किस किसान ने कौन सी फसल कितने रकबे में बोई, यह पता चलेगा और औसत उत्पादन की गणना कर समर्थन मूल्य और विक्रय मूल्य के अंतर की राशि को सीधे किसानों के खातों में डालने की व्यवस्था होगी। किसानों को राजस्व मामलों सीमांकन, नामांतरण और बँटवारे आदि में विलम्ब नहीं हो इसके लिए रेवन्यू केसेस मॉनीटरिंग सिस्टम की जानकारी देते हुये बताया कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरण निराकृत हो जायेंगे। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने ऐसे लंबित प्रकरणों की जानकारी देने वालों को नगद पुरस्कार मिलने और पुरस्कार की राशि दोषी अधिकारी कर्मचारी से वसूलने की बात कही।
चौहान ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार कर लिया है जिसे हर जिले के किसानों के साथ साझा किया जा रहा है। इसमें पांच बिन्दुओं कृषि लागत में कमी, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, कृषि विविधीकरण, उत्पादन का लाभकारी मूल्य और कृषि के जोखिम अथवा आपदाओं में बेहतर राहत की व्यवस्था करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि आय को दोगुना करना कोई कल्पना नहीं है।
बुरहानपुर के गांव हैदरपुर के प्रकाश जावले ने खेती की सही पद्धति, माइक्रो न्यूट्रेंट आदि का उपयोग कर एक एकड़ सोयाबीन का उत्पादन पांच से सात क्विंटल कर लिया। गन्ने में ड्रिप फर्टीगेशन और एसएसआई पद्धति से उत्पादन 40 से 53 टन कर लिया। इस मॉडल से खेती कर प्रति एकड़ 62 हजार रुपये के लाभ को उन्होंने एक लाख रुपये कर लिया है। 
मुख्यमंत्री ने किसानों कानिक आधार पर बीज दर अनुसार बुवाई करने, अरहर की धारवाड़ पद्धति से, धान की श्री पद्धति से, रिज-फरो पद्धति से सोयाबीन की खेती करने, अंतवर्तीय फसलों की खेती करने का परामर्श दिया। उन्होंने बताया कि अंतवर्तीय फसलें किसानों को प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षा देती है। उन्होंने खेती के साथ सहायक व्यवसाय के द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिये किसानों को प्रेरित किया। पशुपालन को लाभदायक बनाने के लिये आचार्य विद्या सागर गौ संवर्धन योजना की जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 लाख रुपये तक की इकाई के लिये ढ़ाई लाख रुपये के अनुदान की व्यवस्था है। विगत दिनों प्याज के मूल्यों में आई गिरावट का उल्लेख करते हुए चौहान ने बताया कि भविष्य में प्याज ठीक मूल्य पर बिके, इसके लिये प्याज के भंडारण में मदद की योजना तैयार की गई है जिसमें किसानों को 50 मी. टन क्षमता वाले भंडार गृह बनाने पर 50 प्रतिशत पौने दो लाख रुपये अनुदान राशि के रुपये मिलते हैं। 
मुख्यमंत्री ने किसानों पर आई विपदाओं के विभिन्न प्रसंगों को उल्लेख करते हुये कहा कि सरकार सदैव उनके साथ रही है। विगत दिनों दलहन फसलों और प्याज के मंडी में प्रचलित दरों में गिरावट का उल्लेख करते हुये उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से किसानों को लगभग एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त हुई है। सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक और आकस्मिक आपदाओं के विरुद्ध सुरक्षा कवच प्रदाय किये जाने की जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना में मृत्यु पर चार लाख रुपये की, स्थाई नि:शक्ता पर एक लाख और अस्थाई पर 50 हजार रुपये देने और सिंचित फसल की 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 26 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राहत दिलवाने के विषय में बताया। 
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आपदा की स्थिति में ऋण वसूली रोक दी जाती है। ऋण का ब्याज सरकार भरती है। लंबित होने पर भी अगले वर्ष ऋण दिया जाता है। 
उन्होंने बताया कि 4,47,000 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र को केन-बेतवा में शामिल करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पर ड्राप मोर क्राप के सिद्धांत को क्रियान्वित करने के संकल्प को दोहराते हुए बताया कि प्रेशर से सिंचाई के लिये जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था 44 परियोजनाओं के 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। ड्रिप इरीगेशन से उद्यानिकी फसलों की खेती करने के लिए किसानों को बधाई देते हुये बताया कि इस पद्धति से 40 से 60 प्रतिशत पानी कम लगता है। उत्पादन भी 10 से 30 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसके साथ ही सिंचाई पंपों के अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने के लिए मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना की जानकारी दी जिसमें फ्लेट रेट पर 5 लाख कृषि पंपों को स्थाई कनेक्शन दिये जाना है। साथ ही किसानों के समक्ष बिजली की रीडिंग लेकर वास्तविक क्षमता अनुसार बिल निर्धारण व्यवस्था के बारे में भी बताया। 
उन्होंने बताया कि पांच हॉर्स पावर के विद्युत पंप पर सालाना 31 हजार की लागत आती है जिसमें से किसानों को मात्र सात हजार रुपये ही देने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना का विकास नहीं हुआ है, उन क्षेत्र में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना लागू की जायेगी जिसमें पांच लाख 41 हजार रुपये की लागत वाला तीन हॉर्स पावर का सोलर पंप मात्र 34 हजार रुपये में मिलेगा जबकि पांच हॉर्स पावर का चार लाख 68 हजार रुपये का पंप सिर्फ 68 हजार में मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने किसानों को लाभकारी मूल्य दिलवाने की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुये बताया कि एक हजार करोड़ रुपये की लागत से मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना की गई है। जो बाजार में हस्तक्षेप कर किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलवायेगा। इसके साथ ही कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया गया है जो फसलों की कीमतें गिरने पर हस्तक्षेप करेगा। इसी तरह उर्वरक अग्रिम भंडारण योजना द्वारा खाद के अग्रिम भंडारण के लिए प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अग्रिम उठाव की प्रक्रिया में ब्याज का भुगतान भी किसानों को नहीं करना पड़ेगा। रबी एवं खरीफ फसलों के लिए एक मुश्त अथवा अलग-अलग ऋण की व्यवस्था करने तथा डिफाल्टर किसानों को जीरो प्रतिशत पर कर्ज उपलब्ध करवाने के लिए समाधान योजना लागू करने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी। किसान अपनी फसले सीधे उपभोक्ता को बेच कर अधिक लाभ कमा सके, इसके लिए सभी नगरीय निकायों में किसान बाजार बनवाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने किसानों से चर्चा में बताया कि कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार है। अच्छी खेती से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। किसान के पास पैसा आता है तो वो बाजार जाता है जिससे व्यापारी की दुकान चलती है। दुकान का सामान कारखाने से आता है। कारखाने के चलने से पूंजी का निर्माण होता है। रोजगार के नये अवसर बनते हैं। इसीलिये यदि फसल अच्छी नहीं होती तो पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो जाती है। इसीलिये खेती सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने खेती किसानी से जुड़े विषयों पर चर्चा की शुरुआत वर्षा की स्थिति से की।
वर्षा की स्थिति बताते हुये मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से निपटने की आकस्मिक योजना सरकार ने बना ली है। किसानों की मेहनत से प्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। पांच वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है, कृषि विकास दर पिछले पांच वर्षों में औसतन 20 प्रतिशत रही है। दलहन, तिलहन, चना, मसूर, सोयाबीन, अमरूद, टमाटर और लहसुन के उत्पादन में प्रदेश देश में पहले नम्बर पर है। इसी तरह गेहूँ, अरहर, सरसों, आँवला, संतरा, मटर और धनिये के उत्पादन में देश में दूसरे नम्बर पर है। मात्र एक दशक की अवधि में राज्य का कृषि उत्पादन ढ़ाई गुना बढ़ गया है।
बलराम जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ सरकारी योजनाओं, उन्नत खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में किसानों द्वारा किये जाने वाले कार्यों, सरकारी प्रयासों और परिणामों पर दिल खोलकर संवाद किया। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उनका परिवार सुखी रहे, इसके लिए सरकार संकल्पित है। अन्नदाता को किसी भी संकट और परेशानी से बचाने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि सरकार की योजनाओं को अपनी योजना मानकर उनका पूरा लाभ लें। उन्होंने कृषि विभाग, शोध संस्थाओं, शैक्षणिक संगठनों आदि से मिलकर कार्य करने का आग्रह किया है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS