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राज्य
बकाया डीए मामले में बंगाल पहले नम्बर पर
By Deshwani | Publish Date: 14/8/2017 11:58:58 AM
बकाया डीए मामले में बंगाल पहले नम्बर पर

कोलकाता, (हि.स.)। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाम शासनकाल में कर्मचारियों के बकाया डीए मामले में विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में कर्मचारियों के आन्दोलन के समय उन्होंने डीए बढ़ाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। पिछले साल विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से 2015-16 आर्थिक साल का 2016-17 की तुलना में 3969.82 करोड़ रुपये अधिक देने की घोषणा की गई थी लेकिन अबतक अर्थमंत्री की ओर से इस घोषित राशि का कुछ हिसाब नहीं मिला। यह सवाल सरकारी कर्मचारियों के लिए चिन्ता का विषय बन गया है। राज्य के को-ऑर्डिनेशन कमेटी की सह-अध्यक्ष मनोजकान्ति गुहा ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में कहा कि इस मामले में विरोध करने पर दमन के हजारों रास्ते सरकार अपनाती हैं।

देश के दूसरे राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल के कर्मचारियों को डीए मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। वाम शासनकाल में बाकी डीए का सिर्फ 10 प्रतिशत बजट में शामिल किया गया जो बढ़कर 54 प्रतिशत हो गया है। पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में वेतन कमिशन चालू कर दी गई है। यह राज्य के लिए शर्म की बात है। सिकिम, मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को पूरा डीए दिया गया है। वेतन कमिशन का कार्यकाल इस साल के नवम्बर महीने में समाप्त होगा लेकिन अभी जिस धीमी गति से काम हो रहा है। यह कहना मुश्किल है कि कमिशन की रिपोर्ट कब तक प्रकाशित होगी। प्रकाशित होने के बाद भी राज्य सरकार उसे स्वीकार करेगी या नहीं? 

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