ग्वालियर, (हि.स.)। स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया साइट्स हों या हाईटेक कंप्यूटर सिस्टम, इनमें से कोई भी साइबर हमलावरों की पहुंच से दूर नहीं है। एमिटी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश के एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सीएसई विभाग में रविवार को साइबर सिक्योरिटी विषय पर आयोजित एक दिवसीय नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एमिटी विश्विद्यालय के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल वीके शर्मा (एवीएसएम) ने समाज में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि वर्तमान समय में जीवन इन्टरनेट पर आधारित है। हमारी बैंकिंग से लेकर ज्ञानार्जन के लिए भी इन्टरनेट पर निर्भरता है। ऐसे में साइबर सुरक्षा को कई खतरों और चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा।
उन्होंने वर्तमान समय में साइबर सुरक्षा की आवश्यकता पर आगाह करते हुए बताया कि इस साइबर आश्रित युग में संचार, ऑनलाइन बैंकिंग की गोपनीय सूचनाओं को चुराने वाले हैकर उन्हें लौटने के एवज में फिरौती मांगने जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं, लिहाजा सभी को सावधानी बरतनी जरूरी है और अपराध रोकथाम के ठोस उपाय करने होंगे।
वहीं, उन्होंने देश के जाने माने साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट निखलेश भदौरिया ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस स्मार्ट फोन, कंप्यूटर, ईमेल्स आदि के पैटर्न लॉक को अनलॉक तथा सुरक्षित लॉगआउट के बाद भी कंप्यूटर से आईडी और पासवर्ड हैकिंग और साइबर सुरक्षा की तकनीक से अवगत कराया।
सत्र के दौरान एसेट के प्रोफेसर डॉ. राजीव गोयल ने रॉउटर्स और स्विचिस कॉन्फिगरेशन की तकनीक को हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के मध्याम से सिस्को पैकेट ट्रेसर पर, प्रतिभागियों से साझा किया। व्याख्यान के अंतिम सत्र के दौरान एमिटी सीएसई की नेशनल वर्कशॉप आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो. दिव्या गौतम ने संचार, नेटवर्क और साइबर सुरक्षा विषयों पर नवीनतम तकनीक के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र से समानित किया गया।