राज्य
मिड डे मील की व्यवस्था का टेंडर किया नामंजूर
By Deshwani | Publish Date: 11/8/2017 1:56:22 PMमुंबई, (हि.स.)। स्कूलों में शुरू मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था शिक्षक अपने खीते से करें या ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा करके करें। सरकार के इस अजीबोगरीब आदेश से जहां शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है, वहीं शिक्षकगण परेशान हैं कि वे अपने खीते से मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था कैसे करें और ग्रामीणों से चंदा वसूलते हैं तो पढ़ाई बाधित होगी।
स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करने के लिए टेंडर निकाला गया, पर शिक्षण विभाग ने उसे मंजूर नहीं किया। साथ ही सरकार ने शिक्षकों के लिए अजीबोगरीब आदेश जारी करते हुए कहा है कि मध्यान्ह भोजन के लिए एकत्रित सामान के समाप्त होने के बाद शिक्षक ग्रामीणों से चंदा निकालें या अपने खीते से मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करें।
शिक्षकों ने सरकारी आदेश पर अपरोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा है कि 'हम अपने खीते से कितना पैसा मध्यान्ह भोजन के लिए लगाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि ग्रामीण स्वयं परेशान हैं तो मध्यान्ह भोजन के लिए वे चंदा कहां से देंगे।'
राज्य में शालेय पोषण आहार का बजट 1731 करोड़ है। इसका टेंडर किसे दिया जाए, इसे जनवरी में ही तय कर लेना था।