लखनऊ, (हि.स.)। विधान सभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं में खूब जोश भरा। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता तन, मन और धन के साथ काम करें। साथ ही ‘बीएसपी का सपना, सरकार हो अपनी’ नारे की अलख जगाते रहें। माया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी अगले माह से भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकारों के खिलाफ आंदोलन भी करेगी।
मायावती गुरुवार को यहां बसपा कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों को पूरा करने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने बसपा को कमजोर करने में लगे रहने वाले स्वार्थी व गुलाम मानसिकता वाले भीतरघाती तत्वों से सावधान रहने की भी सलाह दी।
बैठक के दौरान मायावती ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस की घोर जातिवादी, संकीर्ण व साम्प्रदायिक नीतियों, कार्यकलापों एवं इनके गुप्त एजेण्डों के कारण गरीबों, दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा हो रही है। साथ ही इनका तिरस्कार सरकारी स्तर पर भी काफी ज्यादा बढ़ा है। इसके चलते इन वर्गों का हित व कल्याण एवं सशक्तिकरण हर स्तर पर बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा एण्ड कम्पनी द्वारा दलितों व मुस्लिमों को हर प्रकार से भयभीत व आतंकित करके उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों के साथ-साथ असंवैधानिक व अलोकतान्त्रिक नीति व व्यवहार के कारण आज देश में हर तरफ भय, आतंक, हिंसा, बेचैनी व एक प्रकार से अफरातफरी जैसा माहौल है। ऐसे में बसपा इसके विरूद्ध संघर्ष करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ताकतें बीएसपी के मूवमेन्ट को पीछे धकेलने के लिये हर प्रकार की साजिशें लगातार करती रहती हैं, लेकिन वे सफल नहीं होने पाएंगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शहरों, स्टेशनों, सड़कों आदि का नाम बदला जा रहा है, जो इनकी उसी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व फासीवादी सोच का परिणाम है। माया ने कहा कि बसपा शासन काल में भी नामकरण हुए थे लेकिन नये जिले, नये तहसील व नये शिक्षण संस्थान स्थापित करके उनका नया नामकरण किया गया था। पुराना नाम नहीं बदला गया था।
बैठक में मायावती ने बताया कि बसपा सितम्बर माह से भाजपा और आरएसएस की नीतियों के खिलाफ पूरे देश में जनचेतना व संघर्ष कार्यक्रम करेगी। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के मेरठ से 18 सितम्बर को होगी। गौरतलब है कि मायावती ने मेरठ में 18 सितम्बर को पार्टी कार्यकर्ताओं का एक बड़ा सम्मेलन पहले से ही तय कर रखा है।