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आदि शक्ति विशालाक्षी के प्राकट्योत्सव पर भव्य हरियाली जल विहार श्रृंगार
By Deshwani | Publish Date: 9/8/2017 12:48:33 PMवाराणसी, (हि.स.)। आदि शक्ति भगवती विशालाक्षी के प्राकट्योत्सव भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि गुरुवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर भगवती दरबार और उनके विग्रह का भव्य हरियाली जल विहार श्रृंगार होगा।
बुधवार को मंदिर के पुजारी राधेश्याम दूबे ने बताया कि आदि शक्ति के भव्य अद्भुत झांकी दर्शन पूजन शाम पांच बजे से शुरू होगा। उत्सव में मां की बसंत पूजा और मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा।
पौराणिक मान्यता है कि देश के 51 शक्तिपीठ में एक विशालाक्षी दरबार में काशी के पुराधिपति बाबा विश्वनाथ रात्रि में नित्य शयन करते है। मान्यता है कि पिता दश प्रजापति के राजमहल में यज्ञ के दौरान पति के अपमान से दुखी सती ने शरीर त्याग दी। जिससे व्यथित होकर भगवान शंकर पत्नी का शव लेकर तांडव करने लगे। सृष्टि के रक्षार्थ देवों के अनुरोध पर भगवान विष्णु ने सती के शरीर को सुदर्शन चक्र से 51 टुकड़ों में विभक्त कर दिया। इसमें से देवी का मुख यहां गिरा जिसे शक्तिपीठ की मान्यता मिली। कहा जाता है कि देवाधिदेव इस शक्तिपीठ में ही विश्राम के लिए आते हैं। इस निमित्त मंदिर में पलंग भी लगाया जाता है।