नई दिल्ली, (हि.स.)। एक ओर जहां विपक्ष हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला के ख़िलाफ छेड़खानी के आरोप के मामला में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को घेरते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की नीति को विफल करार दिया है। वहीं केंद्र ने मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने विकास बराला छेड़खानी मामले केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, इस मामले से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाले नेता की पोल खुल गई है| भाजपा के सूर वीर नेतागण कहां हैं? वे क्यों मौन हैं? मायावती ने कहा, ‘महिला उत्पीड़न व शोषण के इतने गंभीर मामले में भी भाजपा नेता अपने पद पर बने हुए हैं। इस पक्षपात की जितनी निंदा की जाए वो कम है।‘
इससे पहले इन दिनों दिल्ली दौरे पर आये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा भाजपा अध्यक्ष के बेटे द्वारा चंडीगढ़ में एक लड़की से छेड़छाड़ की कथित घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि आरोपों को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा लड़की ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे अपहरण करने का प्रयास किया गया है| इसलिए कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसी घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने लड़की द्वारा दिखाए गए साहस की प्रशंसा की।
दूसरी ओर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा, 'हम पुलिस की कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। पुलिस को उसी हिसाब से काम करना चाहिए जैसी स्थिति है और जैसी सिचुएशन है। हम यहां पर इसलिए नहीं कि पुलिस को बताएं कि कैसे कार्रवाई करनी है, कैसे जांच करनी है। हम पुलिस पर दबाव नहीं डाल सकते हैं कि कैसे काम करना है।'
किरण रिजिजू ने कहा, 'मुझे इसकी जानकारी नहीं है की पूरा मामला क्या है| इसलिए मैं कैसे किसी के बारे में कुछ कह सकता हूं। यह कोई वीआईपी या नॉन वीआईपी का मुद्दा नहीं है। किसी ने अगर क्राइम किया है तो पुलिस को कार्रवाई करनी है।‘
सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया आ रही है। जबकि पीएमओ ने भी इसकी रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के अनुसार इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए। किसी का भी बेटा हो, वह बड़े आदमी का बेटा हो या छोटे आदमी का, कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं पुलिस और सरकार पर से यह कहना चाहूंगी कि कानून के मुताबिक कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और किसी भी महिला के साथ ज्यादती नहीं होनी चाहिए। वर्णिका ने जो आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी है, उसमें पूरा देश उनके साथ है।'