लखनऊ, (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बेटे द्वारा आईएएस अधिकारी की बेटी का अपहरण करने के प्रयास और फिर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के इसे मामूली घटना बताने पर कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा कि बड़े दुःख की बात है कि भाजपा के बड़े-बड़े सूरमा बनने वाले नेता इस जघन्य वारदात पर ना केवल मौन हैं बल्कि इसका बचाव भी करने पर आमादा हैं।
मायावती ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में दलितों, शोषितों, उपेक्षितों, पिछड़ों व मुस्लिम एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ महिला उत्पीड़न व अन्याय के मामलों में कानून का राज नहीं है बल्कि कानून के साथ खिलवाड़ करने की घटना में आम बात बन गयी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा तो इन मामलों में खासतौर से बहुत ही पिछड़ी व बदनाम सरकार है। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के पुत्र व आरोपी विकास बराला का इस संगीन मामले में जिस प्रकार से मुख्यमंत्री खट्टर ने बचाव किया है उसी का नतीजा है कि उसको थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया। इस वजह से लोगों का आक्रोशित होना स्वाभाविक है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यह सवाल पूरी तरह जायज है कि ’बेटी बचाओ’ का नारा बुलन्द करने वाले भाजपा के सूर्यवीर नेता कहां है? वे क्यों मौन है? क्या देश का कानून भाजपा वालों पर लागू नहीं होगा? यह दोहरा मापदण्ड क्यों? मायावती ने कहा कि हरियाणा की वर्तमान घटना ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा का ’महिला सम्मान, बेटी बचाओ, गौरक्षा, लवजेहाद, एण्टी-रोमियो’ आदि केवल नारेबाजी व शिगूफाबाजी हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बहकाकर उनका वोट हासिल करके सत्ता पर कब्जा किया जा सके।
बसपा अध्यक्ष ने आरोपी विकास बराला पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करके इसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुये कहा कि इस प्रकार की महिला शोषण व उत्पीड़न के गंभीर मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई करके देश व समाज को और ज्यादा शर्मिन्दगी से बचाया जाना चाहिये।