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रक्षाबंधन सामाजिक समरसता दिवस एवं नारी के सम्मान का पर्व: नरेन्द्र
By Deshwani | Publish Date: 7/8/2017 12:25:05 PM
रक्षाबंधन सामाजिक समरसता दिवस एवं नारी के सम्मान का पर्व: नरेन्द्र

इलाहाबाद, (हि.स.)। रक्षा बन्धन वास्तव में सामाजिक समरसता दिवस एवं नारी के सम्मान का पर्व है। भारत की नारी दुर्गा, काली, लक्ष्मी के रूप में पूरे समाज की रक्षा करती आ रही हैं, इसलिए किसी के द्वारा उसके सुरक्षा की जरूरत नहीं। इस पर्व का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है।

उक्त बातें प्रयाग संगीत समिति के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में आयोजित ‘रक्षा बन्धन महोत्सव’ पर्व पर अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप में नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि रक्षाबंधन के दिन हिन्दू समाज के सभी लोग बिना भेदभाव के एक दूसरे की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर सामाजिक समरसता का भाव भरते हैं। उन्होंने कहा कि संघ अपनी स्थापना काल से ही समाज में आयी कुरीतियां, जातिवाद व भेदभाव को दूर करने का पूरा प्रयास कर रहा है। आगे कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती द्वारा हुमायूं को रक्षा सूत्र भेजने से यह पर्व शुरू हुआ। उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दू समाज का आह्वान किया कि समाज में भेदभाव को दूर करने के लिए आगे आयें। कहा कि संघ हमेशा से ही सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहा है। संघ की मान्यता है कि सभी हिन्दू सगे भाई हैं, इसलिए भेदभाव के लिए समाज में कोई जगह नहीं है।

इस अवसर पर नरेंद्र ने जातिवाद व भेदभाव को दूर करने के लिए तीन बातों पर जोर दिया कि हर व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश हो, सबके लिए पानी एक हो एवं शमसान सबका एक हो। उन्होंने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील करते हुए कहा कि सामाजिक जागरुकता से ही चीन की चाल को विफल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चीन में रक्षा बन्धन, दिवाली एवं होली नहीं मनाई जाती लेकिन सामान वहां बनता है। इसलिए सभी को चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा के बारे में कहा कि आज भी मैकाले पद्धति की शिक्षा चल रही है और जब इसे दूर करने का प्रयास किया जाता है तो काफी हो-हल्ला होता है। सभी को मिलकर शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना होगा।

न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र की रक्षा सभी नागरिकों का सर्वोपरि कर्तव्य है, वेदों में भी यही कहा गया है। राष्ट्रीय भावना के प्रसार के बिना देश की तरक्की नहीं हो सकती। इस अवसर पर अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता ने ध्वज पर रक्षा सूत्र बांधकर कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वयंसेवकों ने भी एक-दूसरे की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर सामाजिक समरसता का सन्देश दिया। विभाग कार्यवाह गंगादत्त जोशी ने अतिथि परिचय तथा निखिल ने संचालन किया। डॉ एसपी सिंह एवं संजय ने आभार प्रकट किया। समारोह में विभाग संघ चालक राम शिरोमणि मिश्र, क्षेत्र प्रचार प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना, प्रचार प्रमुख राजेन्द्र, सह प्रांत प्रचारक मनोज, प्रांत सम्पर्क प्रमुख आलोक मालवीय, विभाग प्रचार प्रमुख डॉ मुरारजी त्रिपाठी, भाजपा सांसद विनोद सोनकर, विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी, डॉ मिलन मुखर्जी, शशी वार्ष्णेय, अर्चना शुक्ला सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, अधिवक्ता, शिक्षक एवं व्यापारीगण सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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