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रक्षा बंधन: भद्रा को लेकर विद्वान एकमत नहीं
By Deshwani | Publish Date: 5/8/2017 4:38:47 PM
रक्षा बंधन: भद्रा को लेकर विद्वान एकमत नहीं

हरिद्वार,(हि.स.)। रक्षा बंधन पर्व पर भद्रा को लेकर विद्वानों के अलग-अलग मत हैं। भद्रा का निवास अलग-अलग राशियों पर तीनों लोकों में होता है। इस बार पूर्णिमा तिथि पर मकर राशि की भद्रा होने से रक्षाबंधन में बाधा नहीं होगी क्योंकि मकर राशि की भद्रा पाताल लोक में होती है जो शुभ मानी गई है। वैसे इस विषय में विद्वान एक मत नहीं हैं। 

कुछ का मानना है कि रक्षाबंधन में तीनों लोकों की भद्रा सर्वथा त्याज्य होती है। कुछ का कहना है कि रक्षा बंधन के दिन भ्रदा आकाश लोक में है, इस कारण पूरे समय यानि ग्रहण के सूतक से पूर्व तक रक्षा बंधन पर्व मनाया जा सकता है। चन्द्र ग्रहण का सूतक नौ घंटे पूर्व लगता है। इस कारण सूतक दोपहर एक बजकर 29 मिनट से आरम्भ होगा। ग्रहण 10 बजकर 53 मिनट से आरम्भ होगा और ग्रहण का मोक्ष 12 बजकर 48 मिनट पर होगा। कुल मिलाकर ग्रहण एक घंटा 55 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप जोशी के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा के दिन ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए शुभ और वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा। ग्रहण सूतक और ग्रहण काल में भोजन, शयन, व्यर्थ बोलना आदि वर्जित माना जाता है। जप करना शुभ होता है। जबकि ग्रहण की समाप्ति के समय स्नान और दान करना शुभ माना जाता है।

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