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चीन के खिलाफ कानपुर ने अगस्त क्रांति का किया आगाज
By Deshwani | Publish Date: 4/8/2017 11:36:30 AM
चीन के खिलाफ कानपुर ने अगस्त क्रांति का किया आगाज

कानपुर, (हि.स.)। भारत नौ अगस्त को अगस्त क्रांति की हीरक जयंती मनाने जा रहा है तो वहीं कानपुर चीन के खिलाफ अगस्त क्रांति का आगाज कर दिया है। यानी रक्षाबंधन, दीपावली आदि त्यौहारों पर चाइनीज सामानों का पूर्णतया बहिष्कार होगा। यही नहीं, कानपुर के व्यापारी नौ अगस्त को चाइनीज उत्पादों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर इसे राष्ट्रव्यापी मुहिम बनाने की तैयारी में हैं। 
गौरतलब है कि नौ अगस्त 1942 को स्वतंत्रता सेनानियों ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया था। कानपुर अगस्त क्रांति का प्रमुख गढ़ रहा। यहां से स्वतंत्रता सेनानियों ने गुप्त तरीके से आंदोलन को धार दी थी। संयोग देखिए, उस क्रांति की हीरक जयंती (75 वर्ष बाद) के अवसर पर कानपुर अब एक और क्रांति की इबारत लिखने की तैयारी कर रहा है। देशभक्ति व राष्ट्रवाद से ओतप्रोत व्यापारी और जनता चीन के खिलाफ क्रांति की मशाल जला रहे हैं। व्यापारी संगठन ही चीनी कंपनियों और उत्पादों के खिलाफ बाजारों में पोस्टर चस्पा कर रहे हैं। नौ अगस्त से दो दिन पहले रक्षाबंधन है। राखी कारोबारी इस वर्ष चीन की राखियों का पूरी तरह बहिष्कार कर चुके हैं। अब बिजली कारोबारियों ने भी साफ कर दिया है कि वे भी दीपावली पर चीनी झालर व अन्य सामान न मंगाएंगे, न बेचेंगे।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्र के मुताबिक कानपुर के व्यापारी नौ अगस्त को दिल्ली में चीनी कंपनियों व उत्पादों के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली जाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हमारा प्रयास है कि कानपुर से शुरू हुई यह मुहिम राष्ट्रव्यापी बन सके जिससे चीन को आर्थिक कमजोर कर उसे जवाब दिया जा सके। बिजली व्यापारी जयप्रकाश के मुताबिक तेजी से बढ़ रहे चीनी उत्पादों को अभी नहीं रोका गया तो एक और ईस्ट इंडिया कंपनी देश में खड़ी हो जाएगी। व्यापारी ऐसा नहीं होने देंगे।
व्यापारी नेता विनोद गुप्ता ने बताया कि कानपुर चीनी उत्पादों की बिक्री का बहुत बड़ा गढ़ रहा हैं। यहां करीब हर वर्ष चार सौ करोड़ के चाइनीज उत्पादों की बिक्री होती थी। यहां से आस-पास के दर्जनों जनपदों तक माल जाता था। इस बार रक्षाबंधन नजदीक है और दीपावली भी अक्टूबर में है। इसके बावजूद आर्डर प्रतिशत जीरो है। यानी इस बार त्योहारों में पूरी तरह से चाइनीज उत्पाद बाजार से गायब रहेंगे। बताया गया कि चीन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार भारत का विरोध करने और पाकिस्तान के आतंकवाद का समर्थन किए जाने से नाराज कारोबारियों ने चीन से माल न मंगाने का निर्णय लिया है। कारोबारियों के सोशल ग्रुप में चीन का विरोध खुल कर हो रहा है। कानपुर युवा उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री संत मिश्रा ने कहा कि आम लोग भी चीनी झालर के बजाय महंगी भारतीय झालर लगाने को तैयार हैं। कम से कम जो कमाई होगी अपने देश की होगी।
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