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मजदूर संगठनों ने श्रम कानूनों के खिलाफ किया धरना-प्रदर्शन
By Deshwani | Publish Date: 3/8/2017 3:28:03 PMलखनऊ, (हि.स.)। उ.प्र. सरकार द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन करने के खिलाफ मजदूरों ने हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर गुरुवार को धरना दिया। इसका आह्वान केंद्रीय श्रम संगठनों ने संयुक्त रूप से किया।
मजदूर संगठन सीटू के प्रदेश अध्यक्ष आरएस बाजपेई ने बताया कि सरकार ने संविदा श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, औद्योगिक नियोजन अधिनियम 1946, आदि में मजदूर विरोधी संशोधन प्रस्तावित किये थे। मजदूर संगठनों ने राज्य सरकार को अपनी राय से अवगत करते हुए इन संशोधनों का विरोध किया था लेकिन राज्य सरकार ने 27 जुलाई को इन संशोधनों को विधानसभा में पेश कर पास करा लिया है।
बाजपेई ने बताया कि इसके तहत संविदा के लिए 20 मजदूरों की जगह 50 मजदूरों का होना अनिवार्य किया गया है। इसी प्रकार कारखाना अधिनियम में 20 मजदूर की जगह 40 मजदूर और मशीन से चलने वाले वाले कारखानों में 10 की जगह 20 मजदूर होने पर ही अधिनियम लागू होगा। दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान में संशोधन करके ओवरटाइम के लिए 50 की जगह 125 घंटे कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये सभी संशोधन मजदूरों के खिलाफ और मालिकों के पक्ष में है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में श्रम कानूनों के पालन की स्तिथि पहले से ही ख़राब है। इसके बाद मालिकों को मनमानी करने की और छूट मिल जाएगी।