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करोड़ों खर्च के बाद भी आईआईटी में बस्तर के एक भी छात्र का चयन नहीं
By Deshwani | Publish Date: 2/8/2017 4:16:16 PM
करोड़ों खर्च के बाद भी आईआईटी में बस्तर के एक भी छात्र का चयन नहीं

जगदलपुर, (हि.स.)। बस्तर के प्रतिभावान छात्रों को उच्च चिकित्सा और तकनीकी रूप से दक्ष करने के लिए यहां करपावंड और परचनपाल में दो अलग-अलग आवासीय विद्यालय के जरिए सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग के बेहतर संस्थानों में चयन की योजना तैयार की थी। योजना के तहत इन दोनों संस्थानों में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम खर्च करने के बाद भी बस्तर के किसी भी छात्र का आईआईटी जैसी संस्था में चयन नहीं हो पाया है। 

नीट का रिजल्ट के मुताबिक प्रयास संस्था के 18 विद्यार्थियों के क्वालीफाई कर लिए जाने की बात कही जा रही है। इस साल नीट का एससी, एसटी के लिए कटऑफ 64 व ओबीसी के लिए कटऑफ 115, वहीं जनरल के लिए कटऑफ 128 था लेकिन इनमें से भी किसी के भी चयन पर संशय बना है। एकलव्य आदर्श विद्यालय में तो उच्चतम अंक पाने वाले विद्यार्थी का अंक 95 ही रहा। इस स्थिति में तो वहां से कोई क्वालीफाई तक नहीं कर पाया है। 

सहायक आयुक्त का कहना है कि प्रवेश के लिए निजी संस्था को ठेका दिया गया है, अनुबंध की शर्तों में बच्चों का चयन आईआईटी में करवाने की बात भी शामिल है, लेकिन ऐसा न होने पर इन्हें दी जाने वाली रकम में से 20 प्रतिशत काटने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भले ही छात्रों का चयन आईआईटी में न हुआ हो लेकिन कुछ प्रिपरेटरी में आए हैं। करीब 36 से ज्यादा छात्रों का चयन सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में हो जाएगा। 

यह उल्लेखनीय है कि इस प्रयास संस्था में नियमित रूप से ढाई सौ और जिला प्रशासन की ओर से 100 बच्चों को कोचिंग दी गई थी। यहां स्कूल में नियमित पढ़ाई के साथ ही शाम को कोचिंग करवाई जानी थी। दोनों जगह अलग-अलग शिक्षकों की व्यवस्था यहां प्रति छात्र 80 हजार रुपये सालाना खर्च किए गए हैं। यह भी स्मरणीय है कि बस्तर में चल रहे एकलव्य आदर्श विद्यालय में छठवीं से 12वीं तक ही हर क्लास में 60 सीट हैं। शत-प्रतिशत आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित इस विद्यालय में 6वीं में प्रवेश पाने वाले प्रत्येक छात्र के पीछे हर साल 42 हजार रुपये का खर्च सरकार करती है। यह राशि अगली कक्षा में 10 फीसदी जोड़कर बढ़ती जाती है। इस स्थिति में हर साल इस संस्था के पीछे ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन 12वीं के बाद यदि इंजीनियरिंग या मेडिकल में चयन नहीं हुआ तो इतनी रा्थ ही व्यय हो जाती है। 

जेईई मेंस में प्रयास के आठ और एकलव्य के छह छात्रों ने क्वालीफाई किया था लेकिन एडवांस के बाद इनमें से आईआईटी में किसी का चयन नहीं हो पाया है, हालांकि एकलव्य से एक और प्रयास से तीन के प्रिपरेटरी में आने की बात कही जा रही है। 

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