अतिवृष्टि से 8.40 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसलें खराब, चार जिलों में अब तक 22 लोगों की मौत
जोधपुर, (हि.स.)। संभाग के जालोर, सिरोही, पाली और बाड़मेर में अतिवृष्टि से अब तक दस हजार से ज्यादा मकान ध्वस्त हो चुके है। ऐसे में 50 हजार लोग बेघर हो गए है। वहीं 22 जनों की मौत हो चुकी है और 02 व्यक्ति अभी लापता बताए जा रहे है। कई घायल हो चुके है। बाढ़ ने करीब छह हजार से अधिक जानवरों को भी मौत के मुंह में पहुंचा दिया है। इन चारों जिलों और आसपास के क्षेत्रों में 8.40 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में फसलें खराब हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 360 मिमी से अधिक बरसात से अब भी जिलों में बाढ़ से लोग जूझ रहे है।
चारों जिलों में प्रशासन ने 24 शिविर खोलें है, जिनमें डेढ़ हजार से ज्यादा लोग शरण लिए है। अब इन परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि राहत शिविर बंद हुए तो कहां जाएं, और बच्चों का लालन-पालन कैसे करें। पानी में फंसे करीब 1300 लोगों को सेना की मदद से निकाला गया। बाढ़ की चपेट में आने से जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य व केन्द्र सरकार की ओर से 06 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक 04 लाख आपदा प्रबंधन विभाग और 02 लाख केन्द्र सरकार की ओर से मिलेंगे।
300 करोड़ की सड़कें टूटी
पाली, सिरोही, बाड़मेर, जालोर और आसपास के जिलों में आई बाढ़ सरकार को भारी पड़ गइ गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों के प्रारंभिक आंकलन के अनुसार बाढग़्रस्त चार जिलों में 300 करोड़ रुपये की लागत की सड़कें, पुल, सरकारी भवन और छोटे रास्ते पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। विभाग की ओर से नुकसान का प्रारंभिक आंकलन आपदा प्रबंधन विभाग को भेज दिया गया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ग्रस्त जिलों में पानी उतरने के बाद ही वास्तविक नुकसान का आंकलन किया जाएगा लेकिन प्रांरभिक नुकसान के आंकड़े तैयार कर लिए गए है।
यह आपदा प्रबंधन विभाग को भेज भी दिए गए है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केन्द्र सरकार से आपदा प्रबंधन के तहत राहत लेने के लिए नुकसान का आंकलन भेजा गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
बारिश रुकने के बाद जालौर में हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। कई संगठन यहां मदद के लिए सामने आ रहे है। राजस्थान के कई गांव ऐसे भी है जिनका संपर्क टूट गया है। वहां भी फूड पैकेट पहुंचाए जा रहे है। जालोर में लगातार राहत कार्य चल रहा है। यहां कई गांव अभी भी जलमग्न है।
जवाई बांध का पानी चारों तरफ तांडव मचा रहा है। पूरे नेहड़ क्षेत्र को जलमग्न कर दिया जिससे क्षेत्र में हालात काफी विकट बन गये। नेहड़क्षेत्र में बने बाढ़ के हालात में कई जगहों पर लोग पानी में ही फंस गए ऐसे में सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है।